झारखंड पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के आव्हान पर मंगलवार को झारखंड के सभी पेट्रोल पंप बंद रहे. एक तरफ जहां राज्य की जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं दूसरी ओर इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है.
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पेट्रोल पम्पों के हड़ताल पर कांग्रेस के जोनल प्रवक्ता सुरेश धारी और प्रदेश प्रतिनिधि समरेंद्र तिवारी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा, कि झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार की लोकप्रियता से घबराकर भाजपा पर्दे के पीछे से झारखंड पेट्रोलियम डीलरशिप एसोसिएशन के कंधे पर बंदूक रखकर राज्य की 3 करोड़ से ज्यादा जनता को परेशान कर राजनीति करना चाहती है.
ज्ञात हो, कि पेट्रोल पंप सरकार का ही लोक उपक्रम है, और जनहितकारी कार्यों के लिए आवश्यक सेवा अधिनियम के अंतर्गत आते हैं. ऐसी स्थिति में इनके द्वारा पेट्रोल पम्पों को बंद कर हड़ताल करना राज्य के किसानों, मजदूरों, वाहन चालकों, ट्रांसपोर्टरों और उद्योगों के विरोध में किया गया कृत्य हैं.
झारखंड सरकार को ऐसे लोगों पर अविलंब कानूनी कार्रवाई करते हुए इनके अनुज्ञप्ति को निरस्त कर नए बेरोजगार स्थानीय युवाओं को पेट्रोल पंप दिया जाना चाहिए. साथ ही हड़ताल में शामिल पेट्रोल पंपों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम एक्ट के तहत आज के हुए नुकसान का आकलन करते हुए कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.
ज्ञात हो, कि पिछले कई वर्षों से बिहार और पड़ोसी राज्यों से झारखंड में पेट्रोल डीजल के दर काफी कम थी, और पेट्रोल पंप मालिकों को उससे भारी लाभ हो रहा था, झारखंड सरकार अपना राजस्व नुकसान उठाकर भी लोगों को राहत दे रही थी.
फिर भी आज पेट्रोल पंप बंद करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है.
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