आपके वाहन चलाने का खर्च 35 रुपए प्रति लीटर घटने वाला है. वाहन चलाने वालों के लिए बड़ी खबर है. पेट्रोल डीजल की आसमान छूती कीमतों को लेकर बड़ी राहत की खबर आई है. यह खबर फ्लेक्स फ्यूल इंजन को लेकर है. फ्लेक्स इंजन को लेकर सरकार इसपर जल्द बड़ा फैसला ले सकती है. फ्लेक्स फ्यूल का मतलब ऐसा ईंधन जो पेट्रोल की जगह इथनॉल पर भी चल सकें. अगर सरकार ने फ्लेक्स फ्यूल इंजन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी, तो यह कार निर्माता कंपनियों के लिए अनिवार्य हो जाएंगे. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए बताया है, कि अगले करीब 10 दिन में फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर बड़ा ऐलान करने वाले हैं. गडकरी ने बताया कि इथेनॉल की कीमत 60-62 रुपये प्रति लीटर होगी जबकि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक जा पहुंची है. एथनॉल के इस्तेमाल से कार चलाना 40 प्रतिशत तक सस्ता हो जाएगा. इससे लोगों को करीब 35 रुपए प्रति लीटर तक की बचत होगी. गडकरी ने कहा, अब एथेनॉल का भारतीय उत्पादन हम पेट्रोल की कीमत में वृद्धि के कारण बढाने जा रहे हैं, क्योंकि लोगों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. गडकरी ने कहा, कि इथेनॉल का उपयोग लागत कम है.
आइये जानते हैं क्या होता है, फ्लेक्स फ्यूल इंजन?
यह इंजन खास तरह से डिजाइन किया जाता है. और इस इंजन की खास बात ये होती है, कि इसमें दो तरह के फ्यूल डाले जा सकते हैं. ये सामान्य इंटर्नल कम्ब्यूशन इंजन (ICE) इंजन जैसा ही होता है, लेकिन ये एक या एक से अधिक तरह के फ़्यूल से चलने में सक्षम होता है. कई मामलों में इस इंजन को मिक्स फ़्यूल (मिश्रित ईंधन) का भी इस्तेमाल किया जाता है. आसान भाषा में समझें तो आप इसमें दो तरह के फ्यूल डाल सकते हैं और यह इंजन अपने हिसाब से इसे काम में ले लेता है. इस इंजन में ईंधन मिश्रण सेंसर का इस्तेमाल होता है जो कि मिश्रण में ईंधन की मात्रा के अनुसार खुद को एड्जेस्ट कर लेता है.
इथेनॉल फ्यूल के फायदे
इथेनॉल में ऊर्जा की मात्रा कम होती है, यह आम तौर पर पर्यावरण के लिए बेहतर माना जाता है क्योंकि इथेनॉल से चलने वाले वाहन बहुत कम उत्सर्जन करते हैं. इथेनॉल के इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है, जो कि प्रदूषण फैलाने वाले अन्य फ़्यूल के मुकाबले काफी कम है. यह कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन और सल्फर डाइऑक्साइड को कम करने के साथ ही इसमें 35 प्रतिशत ऑक्सीजन होता है. ब्राजील में इस ईंधन का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है, यहां पर 40 प्रतिशत गाड़ियां 100 फीसदी इथेनॉल से चलती हैं.
भारत में भी जल्द आएंगी गाड़ियां
नितिन गडकरी ने भारतीय कार निर्माता कंपनियों से आग्रह किया है, कि वो अपने वाहनों में फ्लेक्स फ़्यूल इंजन का इस्तेमाल करें. नितिन गडकरी ने पहले कहा था, मैं ऑटोमोबाइल उद्योग में सभी से अनुरोध कर रहा हूं, कि कृपया आप संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और कनाडा की तरह फ्लेक्स इंजन लाने में हमारा सहयोग करें. उन्होंने कहा था कि चारपहिया या दोपहिया दोनों तरह के वाहन पेट्रोल या इथेनॉल फ़्यूल से आसानी से चल सकते हैं.
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