पटना: बिहटा के अमहरा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NSMCH) में इंडियन असोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायलॉजी बिहार चैप्टर-24 द्वारा अस्पताल से अधिग्रहित संक्रमण को लेकर आयोजित दो दिवसीय माइक्रोकोन- 2024 का “बदलते परिदृश्य और नई चुनौतियां” विषय पर पहला वार्षिक कॉन्फ्रेंस का समापन शनिवार को संपन्न हुआ.
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में नेताजी सुभाष ग्रुप के चेयरमैन मदन मोहन सिंह, निदेशक कृष्ण मुरारी सिंह, आईएएमएम बिहार चैप्टर की अध्यक्ष डॉ नम्रता कुमारी, सचिव डॉ. प्रियंका नारायण मौजूद रहीं.
अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में फैलने वाली संक्रमण नियंत्रण के लिय सशक्त रणनीतियों को अपनाने की आवश्कयता है. एचएआई से निबटने के लिये न केवल तकनीकी समाधान जरूरी है बल्कि अस्पतालों की नीतियों और प्रक्रियाओं में व्यापक सुधार की आवश्यकता है. वहीं चेयरमैन मदन मोहन सिंह ने “बदलते परिदृश्य और नई चुनौतियां” विषय पर आयोजित पहला वार्षिक कॉन्फ्रेंस माइक्रोकोन- 2024 को संक्रमण को लेकर एक बेहतर प्रयास बताते हुए कहा कि अब हर वर्ष इस तरह का सेमिनार इस संस्थान में आयोजित किया जाएगा. वहीं निदेशक कृष्ण मुरारी सिंह ने आगत अतिथियो का अंगवस्त्र एवं मेमोंटू देकर स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के सेमिनार में देश के भिन्न- भिन्न हिस्से के चिकित्सक भाग लेते है. इससे चिकित्सकों को आपस मे मिलकर अपने- अपने अनुभव को साझा करने एवं समस्या का निदान करने का बेहतर अवसर प्रदान होता है.
वहीं डॉ प्रियंका नारायण, डॉ मुकेश कुमार, डॉ अनुपमा सिंह, डॉ अशोक शरण, डॉ अरबिंद प्रसाद, डॉ रामजी प्रसाद, डॉ मि हरिहर दीक्षित, डॉ अजित गुप्ता, आदि ने एचएआई के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोध, तकनीकी प्रगति और चुनौतियों पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया. इस अवसर पर डॉ शंकर प्रसाद, डॉ यशवंत कुमार, डॉ प्रभात कुमार, डॉ शिवेन्द्र कुमार साही, डॉ हरिलाल महतो, डॉ उमेश शर्मा, डॉ सुरेश नारायण शर्मा डॉ एनिमा एक्सेस, डॉ सतेंद्र एन सिंह, डॉ रंजन कुमार श्रीवास्तव सहित देश के कई चिकित्सक शामिल थे.
सम्मानित किए गए माइक्रोबायोलॉजी के जनक डॉ शंकर प्रकाश
समारोह में उपमुख्यमंत्री ने बिहार के वरिष्ठ मिक्रोबिओलॉजिस्ट डॉ. प्रो शंकर प्रकाश को विशेष सम्मान से सम्मानित किया. प्रो प्रकाश ने विभागाध्यक्ष काल में पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल का माइक्रोबायोलॉजी विभाग से मान्यता प्राप्त किया और यहां की स्नातकोत्तर डिग्री देश में मान्य हुई. इन्ही के विभागाध्यक्ष काल में पीएमसीच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को अपना भवन मिला और विओरोलोजी विभाग स्थापित और कार्यान्वित हुई. डॉ प्रकाश ने पीएमसीच से स्नातक (1974) और स्नातकोत्तर (1980) में कर, बिहार सरकार की सेवा में आये और प्रदेश के विभिन मेडिकल कॉलेजों में अपनी सेवा दी. साल 2019 में सेवानिवृत्ति के बाद उभरते हुए मिक्रोबिओलॉजिस्ट का मार्गदर्शन और सामाजिक कार्यों से जुड़े है. उनके परिवार में पत्नी श्रीमती सरिता प्रकाश एक व्यवसायी महिला है. उनके चार बच्चे, सबसे बड़े डॉ आनन्द शंकर जो एनएसएमसीएच में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर हैं. दूसरी पुत्री डॉ अमृता, दिल्ली में डेंटल सर्जन है. दामाद डॉ नितीश, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में सर्जरी विभाग में प्रोफेसर हैं. तीसरे पुत्र डॉ विकाश शंकर, पीएमसीच, में चर्म रोग विभाग में सहायक प्रोफेसर है, चौथे पुत्र डॉ विवेक शंकर एम्स दिल्ली में हड्डी रोग विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर है. तीनों बहुएं भी डॉक्टर हैं. सभी ने डॉ प्रो शंकर प्रकाश को बधाइयां दी और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की. साथ ही उनके दीर्घायु जीवन की कामना की.