पटना सिटी/ Sudhanshu Ranjan : बिहार के पटना सिटी के कचौरी हली में सालों पुराना एक मंदिर है जो छोटी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर का इतिहास 322 साल पुराना है. आज भी यहां फूल और फल के द्वारा वैष्णव पद्ति से होती है. मंदिर को फूल और फल से सजाया जाता है. माना जाता है कि फूल और फल को देखकर भगवान मंदिर प्रांगन में घूमकर इसका आनंद लेते है. यही नहीं, मंदिर परिसर में नौका विहार की भी व्यवस्था की जाती है जिसमें भगवान विहार का आनंद लेते है.
मंदिर के प्रमुख और समाज सेवी शशि शेखर रस्तोगी बताते है कि यह मंदिर 450 साल पुराना है और लगभग 322 सालों से यहां वैष्णव पद्ति से पूजा होती आ रही है. भगवान श्री राधे कृष्ण के मंदिर में महिलाए भजर-कीर्तन करती है. वहीं, प्रभु राधे कृष्ण के इर्द गिर्द फल और फूल से सजाया गया है. हर दिन अलग-अलग तरीके से पूजा होती है. साल में एक दिन फूल का उत्सव होता है उस दिन पूरे मंदिर को फूलों से सजाया जाता है.
वहीं एक दिन नौका विहार होता है. जिसमें मंदिर प्रांगन में एक नाव में भगवान को नौका में घुमाया जाता है. एक दिन मंदिर को फल से सजाया जाता है. ताकि भगवान फल के बागीचे में घूमे और बागीचे में खेले.
शशि ने बताया कि 322 साल से लगातार इस मंदिर में पूजा होती आ रही है. बीच में रुकावट पैदा हुई थी क्योंकि जो इसका आयोजन करते थे उनकी मौत हो गई और नई पीढ़ी के लोग इसमें आना नहीं चाहते थे. एक बार फिर से इसकी शुरूआत की गई है. यहां भक्तों की कमी नहीं है बस उन्हें जागरुक करने की कोशिश नहीं होती.
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