GAYA एक ओर जहां पूरी दुनिया यूक्रेन- रूस में जारी युद्ध की तपिश महसूस कर रही है, वहीं दूसरी ओर भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली गया जिला के बोधगया से एक अच्छी खबर आ रही है. जहां महापरिनिर्वाण मुद्रा में लीन बुद्ध की सबसे लंबी मूर्ति बन रही है.
बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन द्वारा निर्मित यह मूर्ति 100 फीट लंबी और 30 फीट ऊंची है. यह मूर्ति भगवान बुद्ध की शयन मुद्रा में बन रही है. मूर्ति गोल्डन रंग की बन रही है, जो अभी से ही देखने मात्र से विहंगम प्रतीत होता है. मूर्ति का निर्माण वर्ष 2019 में शुरू हुआ था. कोलकाता के मूर्तिकार इसका निर्माण कर रहे हैं.
फाइबर ग्लास से मूर्ति का निर्माण हो रहा है. इस मूर्ति का प्रारंभिक कार्य कोलकाता में ही किया गया था.
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इस संबंध में बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के फाउंडर सेक्रेटरी भंते आर्यपाल भिक्षु ने बताया कि भगवान बुद्ध की यह मूर्ति महापरिनिर्वाण मुद्रा में है. जिसका बौद्ध धर्म में काफी महत्व है. महापरिनिर्वाण के पूर्व भगवान बुद्ध ने इसी मुद्रा में अपने शिष्यों को प्रवचन दिया था. भिक्षु ने बताया, कि भगवान बुद्ध के इस मुद्रा की मूर्ति उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में है. जहां उनका महापरिनिर्वाण हुआ था. बोधगया भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली है, इसलिए यहां पर इस मूर्ति का निर्माण कराया जा रहा है. विगत 2 सालों से करोना काल के कारण मूर्ति का निर्माण कार्य काफी धीमा पड़ गया था, लेकिन अब तेज गति से मूर्ति का निर्माण कार्य जारी है. फरवरी 2023 से भगवान बुद्ध की इस मूर्ति का दर्शन आम श्रद्धालु कर सकेंगे.
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भंते आर्यपाल (बौद्ध भिक्षु- फाउंडर सेक्रेटरी- बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन- बोधगया)
मालूम हो कि बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए बोधगया एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. जहां दुनिया के कोने- कोने से लोग भगवान बुद्ध का दर्शन करने पहुचते हैं. ऐसे में यह मूर्ति यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी.
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट