पाकुड़: रेलवे स्टेशन, जो पूर्व रेलवे के हावड़ा मंडल का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है, आज कई समस्याओं से जूझ रहा है. स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए लगाए गए विद्युत चलंत सीढ़ी (एक्सलेटर) और लिफ्ट टेक्निकल कारणों से महीनों से बंद पड़े हैं. इससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, खासकर बूढ़े, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


अमृत भारत योजना की विफलता
लगभग दो वर्ष पहले अमृत भारत योजना के तहत स्टेशन के विकास का वादा किया गया था, लेकिन वर्तमान में स्टेशन की स्थिति चिंताजनक है. प्लेटफॉर्म का फर्श जगह- जगह से टूटा हुआ है, स्टेशन के सामने रेलवे मैदान में पुराने अवशेषों का मलबा बिखरा पड़ा है, और लाखों रुपये की लागत से बनाया गया पार्क भी अब क्षतिग्रस्त हो चुका है. नव निर्मित शौचालय भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है.
यात्री सुविधाओं की कमी
प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के बैठने के लिए लगाए गए बेंच भी जर्जर स्थिति में हैं. यात्रियों को भारी लेगेज लेकर एक नंबर प्लेटफार्म और दो नंबर प्लेटफार्म में जाने और आने में दिक्कतें होती हैं. यात्री मजबूरन भारी सामान लेकर नॉर्मल सीढ़ी से आवागमन करने को विवश हैं.
ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन की प्रतिक्रिया
ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हिसाबी राय ने इस स्थिति के लिए ईस्टर्न रेलवे के वरिष्ठ पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि अमृत भारत योजना की शुरुआत के समय ही टेक्निकल कार्य पूरा किया जाना चाहिए था, लेकिन वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि डबल लाइन बिछने के बाद ही योजना का कार्य होगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जाएगी.
स्टेशन प्रबंधक की प्रतिक्रिया
स्टेशन प्रबंधक लखीराम हेंब्रम ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर विद्युत चलंत सीढ़ी (एक्सलेटर) और लिफ्ट बिजली की समस्या के कारण बंद पड़ी है. उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर कई बार संबंधित विभाग को मेमो भेजा गया है.
निष्कर्ष
पाकुड़ रेलवे स्टेशन की दुर्दशा और सुविधाओं की कमी से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अमृत भारत योजना के तहत स्टेशन के विकास का वादा किया गया था, लेकिन वर्तमान में स्टेशन की स्थिति चिंताजनक है. रेलवे प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए.
