पाकुड़/ Rahul Das जिले के नगर थाना व मुफस्सिल थाना क्षेत्र में
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फर्जी लॉटरी का धंधा जोरों पर है. पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे लॉटरी का अवैध कारोबार फलीभूत हो रहा है. ग्रामीण इलाकों में इसका कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. भोले भाले ग्रामीणों और मजदूरों को पुरस्कार का लालच देकर प्रशासन की नाक के नीचे माफिया रोजाना करोड़ो का धंधा कर रहे हैं.
दर्जनों लॉटरी माफिया नागालैंड स्टेट के नाम पर लॉटरी छापकर बेरोजगार लोगों के हाथ उसे बेचने का काम करवा रहे हैं. हालंकि, पुलिस भी लॉटरी के अवैध धंधे को रोकने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन प्रशासन अब तक लॉटरी के छोटे- मोटे खुदरा विक्रेताओं को ही पकड़ पाती है और बड़े माफिया को हाथ तक नही लगाते, जबकि रोजाना अखबार में खबर छपती है, फिर भी प्रशासन गहरी नींद में पड़ी है. मालूम हो कि झारखंड में लॉटरी की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध है. फिर भी ग्रामीण इलाकों में माफिया नागालैंड स्टेट में छप रहे लॉटरी के नाम पर एटीएम लॉटरी छापकर बेच रहे हैं. माफियाओं को ये धंधा सालों से चल रहा है, और नागालैंड स्टेट लॉटरी के पुरस्कार का नंबर प्रकाशित होने पर उसी आधार पर एटीएम लॉटरी का पुरस्कार माफिया द्वारा दिया जा है.
खबर है कि रिक्की, एखलाख, दुलाल, पप्पू व नेताजुल नामक लॉटरी कारोबारी इसके सरगना है और इन्हें पुलिस- प्रशासन का सह प्राप्त है. वैसे समय रहते जाली लॉटरी के धंधे पर नकेल नहीं कसा गया तो वो दिन दूर नही जब पाकुड़ का भविष्य नर्क में चला जाएगा.
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