सरायकेला: झारखंड सरकार द्वारा सप्तम पत्र से ओड़िया भाषा को निकाले जाने से असंतुष्ट ओड़िया भाषी नेता इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं. जहां वे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, धर्मेंद्र प्रधान और राज्य मंत्री विशेश्वर टुडू से मिलकर ज्ञापन सौंपकर झारखंड के ओड़िया भाषा संस्कृति को बचाने की गुहार लगाई है.
बता दें कि झारखंड सरकार द्वारा जारी झारखंड शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के सप्तम पत्र से ओड़िया भाषा साहित्य को बाहर कर दिया गया है. रविवार को इससे संबंधित ज्ञापन दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को सौंपा गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि सिंहभूम एवं झारखंड राज्य के ओड़िया अधिवासियों का प्राचीन भाषा ओड़िया है. जिसे सप्तम पत्र से बाहर करना उनकी संस्कृति एवं सांस्कृतिक पहचान पर कुठाराघात है. इन्हीं विषयों से अवगत कराते हुए प्राचीन ओड़िया भाषा, संस्कृति, एवं सांस्कृतिक विकास एवं संरक्षण की मांग केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से की गई है. अर्जुन मुंडा से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में नंदू कुमार पाण्डेय, तरुण कुमार पाणि, पितोवास प्रधान, विश्वजीत दास, मृत्युंजय दास, सोमनाथ पाणी, जदुनंदन बिसोइ शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन की प्रतिलिपि केन्द्रीय मंत्री शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता धर्मेंद्र प्रधान, और केन्द्रीय राज्य मंत्री विशेश्वर टुडू को भी सौंपा गया है. इसकी जानकारी अरुण आचार्य ने दी.