पटना: नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल बिहटा (पटना) में दो दिवसीय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोकोन- 2024 आईएएमएम बिहार चैप्टर का शुभारंभ हुआ. इसके तहत अस्पताल से जनित संक्रमण एवं उसके बचाव और सुरक्षा पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया.
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इसमें नई दिल्ली गंगा राम अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी, इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एवं इम्यूनोलॉजी प्रोफेसर प्रोफेसर डॉ चंद्र वाटल, नई दिल्ली मैक अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी प्रोफेसर डॉ विकास मंचंदा, एम्स देवघर के डॉ. मधुरी सोमानी, डॉ प्रातिमा गुप्ता, डॉ मालिनी आर कपूर आदि ने हिस्सा लिया और अस्पताल से जनित संक्रमण एवं उसके बचाव और सुरक्षा पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया.
अपने संबोधन में अस्पताल के निदेशक कृष्ण मुरारी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के बीच रोगी संक्रमण रोकथाम अभ्यास व्यापक रूप से भिन्न होते हैं. संक्रामक रोग कमज़ोर रोगी आबादी के साथ- साथ अस्पताल के कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए जोखिम पैदा करते हैं. इन स्थितियों वाले रोगियों की प्रारंभिक पहचान और त्वरित अलगाव प्रक्रियाओं के साथ- साथ संदेह का उच्च सूचकांक बनाए रखना संक्रमण की संभावना को बहुत कम कर सकता है. उन्होंने कहा कि हमे यह सुनिश्चित करना होगा कि अस्पताल का नवीनतम प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीजो को सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं को प्राप्त करवाएं.
वही बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति एसएन सिन्हा ने कहा कि दो दिवसीय माइक्रोकोन- 2024 आईएएम बिहार चैप्टर का आयोजन न केवल चिकित्सा विज्ञान और माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है. बल्कि, बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई दिशा की शुरुआत का प्रतीक है. उन्होंने एचएआई जैसे महत्वपूर्ण विषय पर गहन चर्चा करते हुए संक्रमण के खतरों और इससे निपटने के लिए नई रणनीतियों पर विस्तार पूर्वक बल दिया. उन्होंने कहा कि बदलते स्वास्थ्य परिदृश्य में एचएआई जैसी समस्याओं के समाधान के लिए आधुनिक उपचार विधियों और समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है. इस मौके पर आईएएमएम बिहार चैप्टर की अध्यक्ष डॉ नम्रता कुमारी, सचिव डॉ. प्रियंका नारायण ने कहा कि यह सम्मेलन अस्पताल जनित संक्रमणों की रोकथाम के लिए एक व्यापक मंच है. जो एक चिकित्सा समुदाय को नए दृष्टिकोण एवं समाधान पेश करता है. इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक शरण, संयुक्त निदेशक डॉ. अरविंद प्रसाद, डॉ. रामजी प्रसाद, डीन डॉ. हरिहर दीक्षित,अधीक्षक डॉ.अजीत गुप्ता,डॉ. मुकेश मौजूद रहे.
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