जमशेदपुर: प्रसिद्ध कवि निर्मल मिलिंद की याद में उनकी धर्मपत्नी अर्चना मिलिंद द्वारा 2016 से झारखंड स्तर पर प्रत्येक वर्ष एक साहित्यकार को “कविवर निर्मल मिलिंद स्मृति सम्मान” से सम्मानित किया जाता है. 2024 का यह सम्मान प्रसिद्ध कवि, लेखक और संपादक गंगा प्रसाद अरुण को प्रदान करने का निर्णय “कविवर निर्मल मिलिंद पुरस्कार आयोजन समिति” ने लिया है.
श्री गंगा प्रसाद अरुण हिंदी के साथ- साथ भोजपुरी में भी लिखते रहे हैं. इन दिनों वे गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं. 4 दिसंबर 2024 को कवि गंगा प्रसाद अरुण को यह पुरस्कार प्रसिद्ध कहानीकार जयनंदन द्वारा श्री अरुण के बिरसानगर स्थित आवास जाकर प्रदान किया जाएगा. सब जानते हैं कि जयनंदन श्री लाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान 2022 से सम्मानित हैं. उन्हें अनेक महत्वपूर्ण पुरस्कारों के साथ- साथ युवा ज्ञानपीठ पुरस्कार भी मिल चुका है.
यहां बता दें कि गंगा प्रसाद अरुण हिंदी और भोजपुरी के लोकप्रिय वरिष्ठ साहित्यकार हैं. ये लंबे समय से लेखन कार्य से जुड़े रहे हैं. मुख्य रूप से इन्होंने गीत और गजल विधा में रचनाएं की हैं. इनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं. इनमें हहरत हियरा, अंगना महुआ झड़ल, तीन डेगे त्रिलोक, गजल गवाह बनीं, द्वंद समास (भोजपुरी) तिरती सी परछाइयां, प्रेम न बाड़ि उपजे, मनुवां मनगीत लिखे ( हिंदी ) मुख्य हैं. इन्होंने लकीर, रचनाकार, पत्रिकाओं के साथ- साथ अनेक ग्रंथों का संपादन किया है. गंगा प्रसाद अरुण का अनेक साहित्यिक संगठनों से जुड़ाव रहा है. साहित्यिक गोष्ठियों और सम्मेलनों में ये निरंतर सक्रिय रहे हैं. मालूम हो इससे पहले कविवर निर्मल मिलिंद स्मृति सम्मान कवित्री डॉक्टर शांति सुमन, कथाकार डॉक्टर सी. भास्कर राव, पत्रकार दिनेश्वर प्रसाद सिंह ‘दिनेश’ कहानीकार जयनंदन, कवयित्री रागिनी भूषण और कवि नरेश अग्रवाल को प्रदान किया जा चुका है.