DESK राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने लातेहार से कुख्यात माओवादियों के स्वयंभू रीजनल कमांडर 15 लाख रुपये के इनामी रवींद्र गंझू के सहयोगी मृत्युंजय कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह की कंपनी मेसर्स संतोष कंस्ट्रक्शन व उनके सहयोगियों के 152 बैंक खातों से 20 करोड़ 65 लाख 20 हजार 496 रुपये जब्त किए हैं.
इन 153 खातों में 124 खाते स्पेशल टर्म डिपोजिट खाते के अलावा एक एसबीआइ म्यूचुअल फंड खाता भी शामिल है. पूरा मामला लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र स्थित लुकैया मोड़ पर 22 नवंबर 2019 की रात गश्ती वाहन पर नक्सलियों के हमले का है, तब नक्सलियों ने चार पुलिसकर्मियों की हत्या कर उनके हथियार लूट लिए थे.
*वामपंथ उग्रवाद के मामले में एनआइए ने की अब तक की सबसे बड़ी राशि की कुर्की*
शहीद पुलिसकर्मियों में एएसआइ सुकरा उरांव के अलावा होमगार्ड के तीन जवान शामिल थे. पूरे प्रकरण में टेरर फंडिंग के तहत अनुसंधान कर रही एनआइए ने यह कार्रवाई की है. वामपंथ उग्रवाद के मामले में एनआइए की यह अब तक की सबसे बड़ी राशि की कुर्की है.
एनआइए के अनुसंधान में पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए नक्सलियों को फंड देने से संबंधित मामले में यह कार्रवाई की गई है. आरोपित मृत्युंजय कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह की पूर्व में ही गिरफ्तारी हो चुकी है. एनआइए को जांच में यह जानकारी मिली कि ठेकेदार मृत्युंजय कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह ने पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू को फंडिंग की थी. वह मेसर्स संतोष कंट्रक्शन में भागीदारों में से एक है, जिसकी नक्सलियों से घनिष्ठता थी.
*एनआइए ने 24 जून 2020 को टेकओवर करते हुए दर्ज किया था केस दर्ज*
लातेहार की उक्त घटना को एनआइए ने 24 जून 2020 को टेकओवर करते हुए केस दर्ज किया था. इस केस में अनुसंधान के बाद एनआइए ने 30 अप्रैल 2021 को बिहार-झारखंड के 34 भाकपा माओवादियों पर पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था.
इससे पहले लातेहार पुलिस ने अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की थी. एनआइए पूर्व में भी मृत्युंजय कुमार सिंह के घर से 2.5 लाख रुपये से अधिक जब्त किए थे.
*बीयरजंघा जंगल में मृत्युंजय कुमार सिंह ने कुख्यात रवींद्र गंझू को दिए थे दो लाख रुपये*
एनआइए के अनुसंधान में यह जानकारी मिली कि घटना के एक सप्ताह पहले बीयरजंघा जंगल में हमले की योजना बनी थी. एनआइए की पहली पूरक चार्जशीट में भी इस बात का खुलासा किया था.
बताया कि माओवादियों के एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य सह बिहार- झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी सचिव अनल दा उर्फ रमेश उर्फ पतिराम मांझी ने पुलिस पार्टी पर हमले की योजना बनाई थी.
हमले के एक सप्ताह पहले उक्त योजना को बीयरजंघा जंगल में अंतिम रूप दिया गया था. हमले के नेतृत्व का जिम्मा रिजनल कमांडर रवींद्र गंझू को मिला था. तब मृत्युंजय कुमार सिंह ने रवींद्र गंझू से बीयरजंघा जंगल में मुलाकात की थी और दो लाख रुपये दिए थे. हमले का उद्देश्य पुलिस-पदाधिकारियों का हथियार लूटकर पुलिस को कमजोर करना था.
*घटना के बाद भी नक्सलियों को फंड देना जारी रखा*
एनआइए की जांच में पता चला कि मृत्युंजय कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह ने लुकैया मोड़ की घटना के बाद भी माओवादियों को फंड देना जारी रखा. जनवरी 2020 में रवींद्र गंझू के कुरियर बैजनाथ गंझू, राजेश गंझू व कुंवर गंझू को पांच लाख रुपये दिए थे. तब तीनों पकड़े गए थे, जिनसे रुपये बरामद हुए थे और इससे संबंधित चंदवा थाने में एक प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी. यह केस भी एनआइए को ट्रांसफर किया गया था.
*एनआइए की कार्रवाई के विरुद्ध हाई कोर्ट में दाखिल याचिका भी हो चुकी है खारिज*
एनआइ की कार्रवाई के दौरान फरवरी 2021 से फरवरी 2023 के बीच सभी बैंक खातों को फ्रीज किया था. मेसर्स संतोष कंस्ट्रक्शन ने शुरू में हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसे अगस्त 2022 में हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सर्वोच्च न्यायालय में भी दाखिल एसएलपी तीन जनवरी 2023 को खारिज हो चुका है.