राज्य के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य भर के कर्मचारी 13 सूत्री मांगों को लेकर बीते 18 अक्टूबर से सदर अस्पताल में धरने पर बैठे हैं.
इधर जमशेदपुर में भी एनएचएम कर्मी लगातार धरने पर जमे हैं. जानकारी देते हुए हड़ताली एनएचएम कर्मियों ने बताया, कि राज्य में कई एनएचएम कर्मी ऐसे हैं जो पिछले 5- 10-15 सालों से अपनी सेवा दे रहे हैं. उनके लिए यहां आना तो काफी चुनौतियों भरा होता है, लेकिन निष्कासन बेहद ही सरल होता है. बात बात पर अधिकारी उन्हें कभी भी काम से निकाल देते हैं. वैश्विक महामारी के दौर में भी बगैर अपनी जान की परवाह किए परिवार वालों की चिंता छोड़ दिन-रात उन्होंने सेवा दी है. जैसे ही कोरोना त्रासदी के दौर में कमी आई राज्य के सभी जिलों से एनएचएम कर्मियों को हटाने का सिलसिला शुरू हो गया है. कब किसकी बारी आ जाए यह कहना मुश्किल है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अपनी सेवा दे रहे एनएचएम कर्मी 13 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर हैं, ताकि उन्हें राज्य सरकार के अन्य कर्मियों की तरह मिलने वाली सुविधाएं मिल सके. साथ ही रोजगार की गारंटी सुनिश्चित हो सके.