DESK देश आज चांद और सूरज पर जीवन की खोज कर रहा है. सूचना एवं तकनीक के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का दावा किया जा रहा है. मगर यदि आप मोबाईल और इंटरनेट धारक हैं तो आपको इस बात का जरूर आभास हो रहा होगा कि आपके सर्विस प्रोवाइडर आपको किस तरह की सेवा दे रहे हैं और आप उसका किस तरह से लाभ उठा पा रहे हैं.
आज के दौर में सभी मोबाइल कंपनियां और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियां हाई स्पीड नेटवर्किंग सेवा का वायदा कर उपभोक्ताओं से महंगे टैरिफ वसूल रही है, मगर उनके वायदे विज्ञापनों तक ही सीमित है. उपभोक्ता इनके झांसे में आकर कभी टैरिफ तो कभी एक कंपनी से दूसरे कंपनी में अपना नंबर पोर्ट कर रहे हैं मगर सभी का हाल बेहाल है. अब सवाल यह उठता है कि इसकी शुध आखिर लेगा कौन ?
बीएसएनएल (BSNL) कभी देश के नवरत्नों में शुमार संस्था आज बदहाल है. देश के निजी कंपनियों को स्पेक्ट्रम मुहैया कराने वाली सरकारी संस्था इतना विवश हो चुकी है कि जिस दौर में जिओ (Jio) और एयरटेल (Airtel) 5g और 6g का दावा कर उपभोक्ताओं को चूना लगा रहे हैं उस दौर में BSNL 4g सेवा और हाईस्पीड इंटरनेट का दावा कर रही है. मगर देश के कई हिस्सों में आज भी बीएसएनएल 2g सेवा अपने उपभोक्ताओं को नहीं दे पा रही है ये सच है.
वैसे जिओ (Jio) और ऐयरटेल (Airtel) भी अपने उपभोक्ताओं को तय वायदे के अनुरूप सेवा मुहैया करा पाने में विफल साबित हो रही है. जिओ नेटवर्क तो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. वहीं एयरटेल थोड़ा बहुत उपभोक्ताओं को राहत देने में सफल रही है. मगर जीओ के सब्जबाग के कारण देश के ज्यादातर मोबाईल उपभोक्ताओं ने अपना नंबर जिओ में पोर्ट करा लिया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर महंगे टैरिफ और गुणवत्तापूर्ण सेवा का सब्जबाग दिखाकर उपभोक्ताओं को लूटने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा कौन ?