जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से कोरोना संक्रमित प्रसूता की मौत मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. इस संबंध में कोडरमा के मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा की शिकायत पर आयोग ने केस संख्या 497/IN/2022 दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू कर दिया है. विदित रहे कि बीते 9 जनवरी को जमशेदपुर के बागबेड़ा गांधी नगर की रहने वाली पूजा देवी नामक महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद परिजनों ने एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था.
जहां पूजा देवी का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल के डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने इलाज करने से इंकार कर दिया था. परिजन डॉक्टरों द्वारा लिखी दवाइयां और खून लेकर इधर-उधर भटकते रहे बावजूद इसके डॉक्टरों ने इलाज करने से इंकार कर दिया. इस बीच पूजा देवी ने एक बच्चे को भी जन्म दिया मगर इलाज के अभाव में अंततः जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई.
जिसके बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा. हालांकि सोमवार को धालभूम एसडीओ ने भी मामले की जांच की थी, मगर अब तक दोषी डॉक्टरों एवं कर्मचारियों पर किसी तरह की कोई कार्यवाई नहीं की गई है. इधर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले पर संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है.