मुंबई : आज 26/11 की बरसी है. आज से 15 साल पहले आज के ही दिन दुनिया की सबसे भीषण और क्रूर आतंकी हमलों में से एक हमला मुंबई में हुआ था. आज के दिन पाकिस्तान में प्रशिक्षित अत्याधुनिक हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने एक नाव की सहायता से समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे थे.आतंकवादियों ने भीड़-भाड़ वाले स्थानों और प्रतिष्ठित भवनों को निशाने पर लिया था. जिन स्थानों पर हमला हुआ उनमें रेलवे स्टेशन और ताज होटल शामिल थे. हमलावरों ने मुंबई के दो पांच सितारा होटलों ओबेरॉय ट्राइडेंट और ताज, छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस यहूदी केंद्र, लियोपोल्ड कैफे और कामा हॉस्पिटल पर हमला किया था. इन आतंकी हमलों में 160 से ज्यादा लोग मारे गये थे. 200 से ज्यादा घायल हुए थे.
खबरों के अनुसार जब आतंकियों ने हमला बोला, उस समय ताज होटल में 450 और ओबेरॉय ट्राइडेंट में 380 मेहमान मौजूद थे. लियोपोल्ड कैफे में दो आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. यहां 10 लोगों की जान चली गयी थी. बता दें कि 1887 से संचालित कैफे में अधिकतर विदेशी मेहमान आते हैं. छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन में आतंकी अजमल आमिर कसाब और इस्माइल खान ने हमला बोला था, जिसमें 58 लोग मारे गये थे. चार आतंकी एक पुलिस वैन को अगवा कर कामा अस्पताल में घुस गये. जान लें कि इसी अस्पताल के बाहर आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में मुंबई एटीएस चीफ रहे हेमंत करकरे, मुंबई पुलिस के अशोक कामटे और विजय सालसकर शहीद हो गये थे.
इस क्रम में सब इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले ने एक स्कोडा कार को अगवा कर भाग रहे आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा था. उसके साथ रहा आतंकी मारा गया था. अजमल कसाब ने तुकाराम को गोलियां मारी थीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी थी. बता दें कि आतंकी हमलों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया था. ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट में फंसे लोगों सहित यहां मौजूद आतंकियों द्वारा बंधक बनाये गये लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के काम को एनएसजी ने बखूबी अंजाम दिया.
एनएसजी ने ओबेरॉय होटल में दोनों आतंकियों को मारकर यहां के बंधकों को छुड़ा लिया, लेकिन ताज होटल की कहानी कुछ और थी. यहां ऑपरेशन लंबा चला था. ताज में घुसे 4 आतंकियों ने 31 लोगों को गोली मार दी थी. उन्होंने कई लोगों को बंधक बना रखा था. यहां कमांडो ऑपरेशन के दौरान मेजर संदीप उन्नीकृष्णन शहीद हो गये थे. हालांकि यहां 29 नवंबर की सुबह तक एनएसजी ने चारों आतंकियों को मार गिराया और बंधकों को छुड़ा लिया था.
कमांडो ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में शामिल 9 आतंकियों को मार गिराया था. जबकि आमिर अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया. कसाब पर मुकदमा चलाये जाने के बाद अदालत द्वारा उसे मौत की सजा सुनाई गयी थी. 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में सुबह साढ़े सात बजे उसे फांसी दे दी गई. इस हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद था, जो पाकिस्तान में आज भी बैठा हुआ है. खबरों के अनुसार जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल पाकिस्तान में बैठकर मुंबई में घुसे 10 आतंकियों को निर्देश दे रहा था. आतंकी तहव्वुर राणा ने हथियारों मुहैया कराये थे. बता दें कि राणा अभी अमेरिका की जेल में है. उसे भारत प्रत्यर्पित करने की कोशिश जारी है.