सरायकेला/ Pramod Singh झारखंड के छह हजार से अधिक मनरेगा कर्मी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. सेवा स्थायीकरण और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे मनरेगा कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने से मनरेगा का कामकाज प्रभावित हो गया है.
राज्य के रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर, इंजीनियर, बीपीओ की हड़ताल से मनरेगा अंतर्गत बिरसा सिचाई संवर्धन कूप, बिरसा हरित आम बागवानी, अबुआ आवास, वीर पोटो हो खेल मैदान सहित महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होने की आशंका है. इस हड़ताल से मजदूरों का मजदूरी भुगतान भी प्रभावित होगा.
बता दें कि झारखण्ड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ अपने प्रस्तावित आंदोलन वादा निभाओ, स्थायी करो कार्यक्रम 18 जुलाई से 20 जुलाई तक चलाया. इस दौरान राजभवन के समक्ष प्रदर्शन, सांकेतिक हड़ताल भी किया गया. सरायकेला खरसावां के जिला अध्यक्ष शंकर सतपती ने कहा कि अब सब्र का बांध टूट गया है. ऐसे में जिले भर के मनेरगा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे. उन्होंने कहा विधानसभा चुनाव के दौरान संविदा संवाद कार्यक्रम में हेमंत सोरेन ने मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायी करने का वादा खुले मंच से किया था, लेकिन पांच साल बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई. उन्होंने कहा संघ की प्रमुख मांग सेवा स्थायी करने की है. इसके अलावे मनरेगा कर्मियों को मिलने वाले मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि करने सहित अन्य मांग शामिल है. जो कर्मी हड़ताल पर गये हैं उनमें रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता व बीपीओ शामिल हैं.
हड़ताल से प्रभावित होंगी कई योजनाएं
हड़ताल के कारण बिरसा हरित ग्राम योजना, अबुआ आवास योजना, कूप योजना, वीर पोटो हो खेल मैदान योजना समेत कई योजानएं प्रभावित हो होगी. सोमवार को भी जिले में डिमांड शून्य रही. कहीं भी पौधारोपण नहीं हुआ है. ऐसे में पौधारोपण पर सीधा असर पड़ेगा. वहीं कुओं को फाइनल करने का काम हो रहा था, वह भी प्रभावित होगा. अबुआ आवास योजना में मनरेगा मजदूरों से काम कराया जाता है. कर्मियों की हड़ताल से यह काम भी नहीं हो पायेगा.