मंगलवार को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 122 वीं पुण्यतिथि जमशेदपुर एवं सरायकेला में मनायी गयी. जहां सभी जाति, धर्म एवं सम्प्रदाय के लोगों ने धरती आबा भगवान बिरसा की प्रतिमा पर अपने श्रध्दा सुमन अर्पित कर उनके सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लिया.
देखें तस्वीरों के जरिए देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी एवं जननायक भगवान बिरसा मुंडा की 122 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक जगत के लोग
आदित्यपुर इमली चौक पर भाजपा आदित्यपुर मंडल महामंत्री विजय सोनार के नेतृत्व में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर फूल- माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गई, जिसमे मुख्य रूप से भाजपा एसटी मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य रमेश हांसदा, विशु महतो, बिजय सोनार, पवन महतो, गुरजीत सिंह, लुस्की सोरेन.,अमित महतो, रजनीश राठौर, रोहित कुमार, धनजय महतो, राजेश गोप, प्रकाश पूर्ति आदि मौजूद रहे.
इसी कड़ी में जमशेदपुर के सोनारी बिरसा बस्ती स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थल पर झामुमो द्वारा युवा नेता गोपाल महतो के नेतृत्व में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि झामुमो के वरिष्ठ नेता मोहन कर्मकार और विशिष्ट अतिथि झामुमो नेता लालटू महतो शामिल हुए. सभी ने बारी- बारी से धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके बताए आदर्शों पर चलने का प्रण लिया. मौके पर मौजूद झामुमो के वरिष्ठ नेता मोहन कर्मकार ने बताया जल, जंगल, जमीन की लड़ाई को लेकर बहुत ही कम उम्र में भगवान बिरसा मुंडा ने झारखंड के लोगों को मान सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए उलगुलान छेड़ा था, जो आज एक इतिहास बन गया है. इसके लिए भगवान बिरसा मुंडा को कुर्बानी भी देना पड़ा. भगवान बिरसा मुंडा झारखंड के सुपुत्र थे. रांची के मंडल कारा में उनका देहांत हुआ था. तब से लेकर अबतक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और शहादत दिवस मनाया जा रहा है. साथ ही उनके बताए हुए रास्ते पर चलने के लिए लोगो को प्रेरित किया जा रहा हैं. ताकि झारखंड के लोगों को जल, जंगल, जमीन में अपना हक और अधिकार मिल सके. साथ ही झारखंड के खनिज पदार्थ का लाभ झारखंड वासियों को मिले. ताकि झारखंड उन्नति की ओर अग्रसर हो सके. यही सोच भगवान बिरसा मुंडा का था और उसी सोच को धरातल पर लाने का प्रयास झारखंड मुक्ति मोर्चा कर रही है. राज्य में हेमंत सरकार ने जनता की सुविधा के लिए कई योजनाएं धरातल पर उतारे है, ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके. बिरसा मुंडा के बताए हुए रास्ते पर चलकर झारखंड का तेजी से विकास हो इसी संकल्प को लेकर भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा में सभी एकत्रित हुए हैं.
इधर सरायकेला में भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर नगर उपाध्यक्ष मनोज चौधरी एवं वार्ड पार्षद विकास चौधरी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. महान स्वतंत्रता सेनानी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पुण्य तिथि के अवसर पर संबोधित करते हुए नपं उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी 19वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक थे. उनके नेतृत्व में मुंडा आदिवासियों ने 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं के महान आन्दोलन उलगुलान को अंजाम दिया. भगवान बिरसा मुंडा के अदम्य साहस, समर्पण और बलिदान से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए. वार्ड पार्षद विकास चौधरी ने धरती आबा को नमन करते हुए कहा कि हम सभी के लिए इनका जीवन प्रेरणास्रोत है, कि कैसे उन्होंने अपने अदम्य साहस के बल पर अंग्रेजों से लोहा लिया था.
इसी क्रम में जमशेदपुर के भुइयांडीह स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर झारखंड प्रदेश युवा कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में माल्यार्पण कर उनके बताए आदर्शों पर चलने का प्रण लिया गया. इसकी जानकारी देते हुए कांग्रेसी नेता प्रिंस सिंह ने बताया कि धरती आबा भगवान बिरसा के कारण अंग्रेजी हुकूमत को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. उन्हीं के उलगुलान का नतीजा है, कि आज भारत स्वतंत्र हुआ है. उनकी पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें नमन कर उनके बताए आदर्शो पर चलने की प्रेरणा ली जा रही है.
उत्क्रमित उच्च विद्यालय कृष्णापुर में धरती आबा भगवान बिरसा की पुण्यतिथि मनाई गई
सरायकेला: खरसावां उत्क्रमित उच्च विद्यालय कृष्णापुर में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनाई गई. आयोजित विशेष परिचर्चा सत्र को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक बुधराम गोप ने कहा कि झारखंड के उलीहातु नामक गांव में 15 नवंबर 1875 को जन्म लेने वाले बिरसा ने अंग्रेजों के विरुद्ध उलगुलान करते हुए ब्रितानी हुकूमत की चूलें हिला दीं. वे स्वतंत्रता संग्राम के एकमात्र ऐसे आदिवासी महानायक हैं जिनकी तस्वीर भारतीय संसद के सेंट्रल हॉल में सुशोभित है. हिंदी शिक्षक विश्वजीत कुमार सतपथी ने कहा, कि गत वर्ष भारत सरकार ने उन्हें सम्मान देने के लिए उनकी जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के विरुद्ध बिरसा के संघर्ष का ही परिणाम है कि आदिवासी हितों की रक्षा के लिए ब्रितानी हुकूमत को सन 1908 में सीएनटी एक्ट बनाना पड़ा. इस अवसर पर विद्यालय में बिरसा मुंडा की जीवनी पर आधारित क्विज व चित्रांकन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. मौके पर शिक्षक जगन्नाथ प्रधान, मनोज कुमार, नूतन रानी,रणवीर महतो, शैलेश तिवारी, श्याम लाल महतो, योगेंद्र महतो, कांति हाईबुरुआदि मौजूद थे.
युवा कांग्रेस ने भगवान बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि
झारखंड प्रदेश युवा कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव राकेश साहू के नेतृत्व में वीर शहीद भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर भुईयांडीह चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर मल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राकेश साहू ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के अनन्य प्रयासों से हमे स्वतंत्र भारत प्राप्त हुआ है. उनके योगदान को कभी भी भुलाया नही जा सकता है. उनके योगदान को देशवासी भूल नहीं सकते हैं. कार्यक्रम में मुख्य रूप से युवा कांग्रेस के महासचिव कमलेश साहू, महिला गोलमुरी प्रखंड अध्यक्ष संध्या दास, आदित्य धनराज साह, विनय साहनी, अशोक साहू, सुमित साहू, हर्ष गुप्ता आदि उपस्थित थे.