सरायकेला: नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने नगर पंचायत द्वारा जारी पत्र को तुगलकी फरमान बताया. उन्होंने कहा कि जब- जब जनता को पेयजल की असुविधा होती है और नगर पंचायत से निर्बाध पेयजल की मांग करती है तब- तब नगर पंचायत द्वारा जनता की आवाज दबाने के लिए इस प्रकार के तुगलकी फरमान जारी किए जाते हैं.


जनता के पानी मांगने पर ही इनको फेरुल, अनाधिकृत मोटर, जलापूर्ति लाइन से छेड़छाड़ जैसे विषय याद आते हैं इन विषयों पर गर्मी आने से पहले क्यों नहीं दुरुस्त किया जाता है. इस प्रकार छोटे से शहर में प्रत्येक वर्ष गर्मी में या आए दिन छोटी छोटी समस्या से जलापूर्ति बाधित होती है. वर्तमान वॉटर कनेक्शन जांच से ज्यादा पर्याप्त एवं नियमित पेयजल आपूर्ति पर नगर पंचायत को ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि नगर पंचायत सरायकेला द्वारा शहरी पेयजलापूर्ति संचालित किया जाता है. इसकी एजेंसी के रूप में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को जलापूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है. परंतु, आए दिन बाधित जलापूर्ति के कारण जनजीवन अस्त- व्यस्त हो रहा है. जलापूर्ति बाधित के मुख्य कारण अनियमित विद्युत आपूर्ति एवं उपयोगी उपकरणों का खराब होना है. इसके स्थायी समाधान के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का विद्युत कनेक्शन जुस्को से लेने की मांग करते हैं जिससे अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या से निजात मिलेगी एवं उपयोगी उपकरण मोटर स्विच इत्यादि वैकल्पिक व्यवस्था बनाते हुए स्टॉक में रखने हेतु आवश्यक करवाई की जा सकती है. जहां तक जुस्को के बिजली बिल भुगतान का सवाल है उसे वॉटर टैक्स में समायोजित किया जा सकता है. पेयजल उपलब्ध कराने की जगह इस प्रकार के पत्र जारी करने का श्री चौधरी ने कड़ा ऐतराज जताया.
