सरायकेला सिविल कोर्ट में जलजमाव को लेकर पिछले दिनों प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश से बार एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर उपायुक्त एवं अन्य पदधिकारों के साथ बैठक कर स्थायी समाधान निकाले जाने का अनुरोध किया था. जिसका नेतृत्व एसोसिएशन के महासचिव देवाशीष ज्योतिषी ने किया था. उधर बार एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनके पदाधिकारियों से सांठगांठ कर सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कक्ष में पहुंचे और उनके कक्ष में बैठ कर फोटो खिंचवा ली और सोशल मीडिया पर यह कहते हुए वायरल कर दिया कि उनके नेतृत्व में बार एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश से मुलाकात की गई और सिविल कोर्ट की समस्याओं के स्थाई समाधान निकाले जाने पर चर्चा की गई.
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साथ ही सोशल मीडिया पर सरायकेला अनुमंडल कार्यालय के तर्ज पर आंदोलन के लिए भी तैयार रहने की अपील की. इसको लेकर बार एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए मनोज चौधरी के कृत्यों को कोर्ट डेकोरम का उल्लंघन बताया है. एसोसिएशन ने बताया, कि वे अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर खुद गंभीर हैं, और उचित फोरम पर अपनी बातों को रखने में सक्षम है. जिला बार एसोसिएशन के एक अधिवक्ता ने बताया कि मनोज चौधरी सरकारी दफ्तरों एवं न्यायालय में अपनी पहुंच का लाभ उठाकर आए दिन विकास अथवा जजमेंट से संबंधित प्रपत्र प्राप्त कर संबंधित पदाधिकारियों से अगले दिन मुलाकात कर एक मांग पत्र सौंप देते हैं. जिसके बाद सार्वजनिक तौर पर अपनी उपलब्धि गिना कर वाहवाही लूटते हैं. उन्होंने ऐसे नेताओं को सरकारी दफ्तरों में प्रवेश से रोक लगाए जाने की मांग की.
साथ ही तमाम पदाधिकारियों से अपने अधीनस्थ कर्मियों पर सरकारी आदेशों को गोपनीय रखने संबंधी निर्देश दिए जाने की भी मांग की है. वैसे मनोज चौधरी द्वारा किया गया पोस्ट फेसबुक पर खूब ट्रोल हो रहा है. साथ ही सरायकेला के लोग भी चुटकियां ले रहे हैं. हालांकि इस मामले को लेकर प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश ने कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं बार एसोसिएशन इसे कोर्ट के नियमों का उल्लंघन मान रहा है.
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