झारखंड के क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किए गए भोजपुरी, मगही, अंगिका और उर्दू के विरोध में झारखंडी भाषा संघर्ष समिति सरायकेला- खरसावां ईकाई के सदस्य लालचंद महतो के नेतृत्व में जिले के गम्हरिया प्रखंड के उज्जवलपुर में आगामी 6 तारीख रविवार को एक महासभा का आयोजन किया गया है. इसकी जानकारी देते हुए लालचंद महतो ने बताया कि इस महासभा में किसी भी पार्टी का बैनर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. इसमें कोई भी झारखंडी शामिल हो सकता है मगर किसी भी पार्टी का बैनर या झंडा नहीं ला सकते हैं. यह लड़ाई माटी की है पार्टी की नहीं. महासभा का उद्देश्य यह है, कि झारखंड सरकार द्वारा क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किए गए भोजपुरी, मगही, अंगिका और उर्दू को पारित किया गया है. इस पर पुरजोर विरोध पूरे झारखंड में चल रहा है. साथ ही 1932 की खतियान को लागू करने की झारखंड सरकार से मांग किया जा रहा है. इसी के तहत 6 तारीख रविवार को एक महासभा का आयोजन रखा गया है जिसमें इन सब बातों को रखा जाएगा और विचार विमर्श किया जाएगा.
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