अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनका 8 पेज का सुसाइड नोट सामने आया है. जिसमें उन्होंने आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी, संदीप तिवारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है.
साथ ही उन्होंने कई अहम बातों का उल्लेख किया है. सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि
मैं महंत नरेंद्र गिरि आज आनंद गिरि के कारण बहुत विचलित हो गया. आज हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंदगिरी मोबाइल के माध्यम से किसी छोटी महिला या लड़की के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा. मैं महंत नरेंद्र गिरि बदनामी के डर से कहां-कहां सफाई देता रहूंगा. मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, तो बदनामी में कैसे जी पाऊंगा. इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं.
8 पेज के इस सुसाइड नोट के पेज 2 पर लिखा है कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. मेरी मौत के जिम्मेदार आनंद जी, अद्या प्रसाद तिवारी, संदीप तिवारी पुत्र अद्या प्रसाद तिवारी होंगे. मेरा प्रयागराज के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध है कि मेरी हत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कार्रवाई की जाए. ताकि मेरी आत्मा को शांति मिल सके. एक पेज पर महंत ने लिखा कि मैं नरेंद्र गिरी, वैसे तो, 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया. मंहत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट के हर पन्ने पर नीचे अपना नाम, तारीख लिखते हुए हस्ताक्षर किए है. साथ ही हर पेज पर ऊं नमोः नारायण भी लिखा है. सुसाइड के हर पन्ने पर महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी परेशानी को खुलकर लिखने की कोशिश की है. मंहत ने पेज 2 पर लिखा कि प्रिय बलवीर मठ मंदिर की व्यवस्था का प्रयास वैसे ही करना, जैसे मैंने किया है. आशुतोष गिरी, नितेश गिरि एवं मंदिर के सभी महात्मा बलवीर का सहयोग करना.
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