गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट
GAYA बिहार राज्य सेवानिवृत्त विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ की एक बैठक सेवानिवृत्त कर्मचारी डॉ. रामप्रवेश सिंह के आवास पर संपन्न हुई. जिसमें मगध विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त कई विभागाध्यक्ष एवं कर्मचारी शामिल हुए. इस दौरान सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने मगध विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं कुलाधिपति पर गंभीर आरोप लगाए.
बैठक में शामिल बिहार राज्य सेवानिवृत्त विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ के सदस्य डॉ. रामप्रवेश सिंह ने कहा कि पूरे बिहार के विश्वविद्यालयों की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है. पूरे बिहार में लगभग 25 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं. जिन्हें पेंशन का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है. इस कारण भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.
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उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा बदतर स्थिति मगध विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की है. बार-बार अधिकारियों से गुहार लगाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है. सिर्फ टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि मगध विश्वविद्यालय में 5 हजार सेवानिवृत्त पेंशनर हैं. जिनमें से 3 हजार पाटलिपुत्र के हैं और 2 हजार गया के कर्मचारी हैं. लेकिन विगत 3 माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. इसकी मुख्य वजह है कि कुलपति से लेकर उनके अधीनस्थ कई अधिकारी कार्यालय नहीं आते हैं. यदा-कदा आते भी हैं तो कुछ घंटों में थोड़ा बहुत काम निपटा कर चले जाते हैं. जब इनसे मिलकर पेंशन भुगतान की गुहार लगाई जाती है तो सिर्फ आश्वासन देते हैं. पेंशन ना मिलने से हमलोगों के समक्ष भूखों मरने की स्थिति हो गई है. खाने-पीने की सामग्री के साथ-साथ दवा का भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है. हम अधिकारियों से मांग करते हैं कि हस्तक्षेप कर समय पर पेंशन की भुगतान की व्यवस्था की जाए. इसके लिए हमलोगों ने प्रधानमंत्री को भी पूर्व में आवेदन भेजा है और दुबारा फिर देने जा रहे हैं. ताकि यहां की व्यवस्था में सुधार हो सके.
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रामप्रवेश सिंह (सेवानिवृत्त शिक्षक)
वही सेवानिवृत्त एक शिक्षक की पत्नी शांति देवी कहती है कि विगत 3-4 महीने से पेंशन नहीं मिला है. जिस कारण घर की स्थिति खराब हो चली है. दवा नहीं लेने की वजह से भी शारिरिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. घर के बच्चे भी जहां-तहां भटक रहे हैं. अब जाएं भी तो कहां जाएं? समय पर पेंशन ना मिलने से घर की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है. हम सरकार से मांग करते हैं कि समय पर पेंशन दिया.
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शांति देवी (सेवानिवृत्त शिक्षक की पत्नी)
वही मगध विश्वविद्यालय से भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त सारनाथ सिंह कहते हैं कि 35 साल तक हमने पूरी ईमानदारी के साथ काम किया. हमारे कार्यकाल में इस तरह की स्थिति नहीं होती थी. लेकिन सेवानिवृत्त होने के बाद वर्तमान समय में 3-4 माह तक पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. जिस कारण घर की स्थिति काफी बदतर हो चली है. विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा जो यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट संबंधित विभाग को भेजा जाना चाहिए. वह भी समय पर नहीं भेजा जाता है. इसके लिए विश्वविद्यालय में वर्तमान समय में कार्यरत कर्मचारी जिम्मेदार हैं. समय पर सर्टिफिकेट ना भेजे जाने से पेंशन के भुगतान में विलंब होता है और यही वजह है कि 3-4 महीने तक पेंशन का भुगतान नहीं हो पाता है. हम मांग करते हैं कि इस व्यवस्था में सुधार किया जाए. ताकि उम्र के अंतिम पड़ाव पर रह रहे हमलोगों को खाने के लिए दर-दर भटकना ना पड़े.
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सारनाथ सिंह (सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, भौतिकी विभाग- मगध विश्वविद्यालय)