रांची: राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिलों से कायचिकित्सक, अचिकित्सा सहायक, पीएमडब्लू तथा एमपीडब्ल्यू का दो दिवसीय कुष्ठ रोग संबंधित उन्मुखीकरण शिविर का आयोजन आईंपीएच सभागार, नामकुम रांची में संपन्न हुआ. शिविर का उद्घाटन उप निदेशक स्वास्थ्य सेवायें सह राज्य कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार द्वारा किया गया. डब्ल्यूएचओ के डॉ. अभिषेक पाल तथा एनएलआर के डॉ. गवीश कुमार द्वारा सभी उपस्थित प्रतिभागियों को कुष्ठ रोग के बारे मे जानकारी देते हुए की गई. ट्रेनर के रूप में उपस्थित हजारीबाग के जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ. कुमार रंजन, पूर्वी सिंहभूम के जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ. राजीव लोचन महतो तथा दुमका के परामर्शी डॉ. राजेश कुमार ने कुष्ठ रोग के कार्डिनल साईन एंड सिम्पटम्स, भीएमटी, एसटी, सेल्फ केयर तथा रिकन्सट्राक्टिव सर्जरी के बारे में विस्तृत जानकारी दी. बताया गया कि इस सर्जरी के द्वारा कुष्ठ रोगियों के हाथ, पैर तथा आंखों की दिव्यांगता को दूर किया जाता है. तीनों ने कुष्ठ रोग के बारे मे बताया तथा उसके उपचार भी बताए. डॉ. रंजन द्वारा एबसुल्स, फोकस लेपरोसी कैम्पेन, ग्रेड ll इनवेस्टिगेशन, स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के बारे में विस्तार से बताया गया. डेमियन फाउंडेशन के डीपीएमआर समन्वयक कामदेव बेसरा द्वारा एनएलईपी रिपोर्टिंग फोर्मेट बताया गया. कुष्ठ उन्मूलन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए जिला कुष्ठ परामर्शी पूर्वी सिंहभूम डॉ राजीव लोचन महतो, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. गवीश कुमार, रंजीत पाठक तथा कामदेव बेसरा को निकुष्ठ संघर्ष सेवा सम्मान के साथ स्मृति पत्र दिया गया. इस उन्मुखीकरण शिविर में सभी जिलों से कायचिकित्सक , अचिकित्सा सहायक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नामित कुष्ठ के नोडल कर्मियों एवं कुष्ठ उन्मूलन के क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ से भी प्रतिभागी उपस्थित हुए.
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