आदित्यपुर/ Sumeet Singh मंगलवार को एशियन पेंट्स कंपनी द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय में दाखिल सिविल सूट के आधार पर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के लघु उद्योगों पर किए गए छापेमारी के आलोक में बुधवार को उद्यमियों ने आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर छापेमारी के बिंदुओं पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय घटना बताया.
लघु उद्योग भारती ने एशियन पेंट्स के ट्रेड नेम का दुरुपयोग करते हुए उत्पाद बनाने और बाजार में इसकी बिक्री करने के आरोप का खंडन किया है. उद्यमियों ने बताया कि हममें से किसी भी उद्यमी ने ऐसा कतई नहीं किया है. हम जिन पैकेजिंग बोरो के अंदर पाउडर सीमेंट पेंट भरते हैं उन बोरों पर हमारी कंपनी का नाम, हमारी कंपनी का लोगो और हमारे कंपनी का पता अंकित किया रहता है. दुकानदारों की सुविधा के लिए हम उसका अलग- अलग नामकरण करते हैं. इससे यह कहीं से भी प्रमाणित नहीं होता है कि हम एशियन पेंट्स के नाम से अपने उत्पाद की मार्केटिंग करते हैं.
बताया कि उत्पाद को डीलर की सुविधा के लिए जो शब्द जैसे “अपेक्स गोल्ड” या “रॉयल कोट” नाम दिया जाता है, तो उससे एशियन पेंट्स का उत्पाद है यह नहीं समझा जा सकता है. विडंबना है कि एशियन पेंट्स इस प्रकार का पाउडर सीमेंट पेंट स्वयं बनाती भी नहीं है. एशियन पेंट्स के अन्य उत्पादों में अगर यह नाम कहीं है और ट्रेड एक्ट के कानून के मुताबिक हमें उसका भी नहीं उपयोग करना है तो हमें पहले इसकी सूचना दी जानी चाहिए, एक समय अवधि दी जानी चाहिए, ताकि हम इसकी जानकारी लेकर इसको पूरे संज्ञान में ले सकते, लेकिन खेद की बात यह है कि बिना हमें पूर्व सूचना दिए बिना हमारी जानकारी में ट्रेड नियमों का विस्तृत हवाला देते हुए कोई चेतावनी भी नहीं दी गई. किसी भी प्रकार से “अपेक्स” एवं “रॉयल” का नाम दिया जाना ट्रेड एक्ट के नियमों का उल्लंघन है. ऐसा उनका कहना है चाहे एशियन पेंट्स यह प्रोडक्ट बनाती भी ना हो. हम अपने उत्पादों की बिक्री जब अपनी कंपनी के नाम पर करते हैं और हमें पता नहीं ट्रेड एक्ट हमें इन नामों को प्रयोग करने में रोकता है, बावजूद इसके कार्रवाई करना दुर्भाग्यपूर्ण है. उद्यमियों ने बताया कि हम जिस वाटर बेस सीमेंट पेंट का निर्माण करते यह प्रोडक्ट एशियन पेंट कंपनी बनाती भी नहीं है. उसके अन्य प्रोडक्ट हैं. यह उत्पाद एशियन पेंट कंपनी नहीं बनाती है तो यह समझ से परे है कि इससे हम लोग उसके ट्रेड नेम का कैसे दुरुपयोग कर रहे हैं. अगर ट्रेड एक्ट नियमों में ऐसा प्रावधान है कि हम किसी भी प्रकार अपैक्स या रॉयल नाम यूज कर सकते हैं तो हमें इसकी सूचना पूर्व में दी जानी चाहिए थी और एक समय अवधि देते हुए हमें उन नियमों का हवाला देते हुए आग्रह किया जाना चाहिए था तब निश्चित रूप से हम नियमों का पता लगाकर और यथोचित अपना कार्य करते और उसका हम लोग संज्ञान लेते, लेकिन हमें इसकी कोई भी पूर्व सूचना नहीं दी गई, व सीधे मुंबई हाई कोर्ट सिविल सूट के आदेश से एक टीम आई और सभी उद्यमियों के उद्योगों पर छापा मारकर आनन- फानन में यह कार्य किया. हमारी दृष्टि में यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
उद्यमियों ने बताया कि हम रोजगार के लिए छोटे- छोटे उद्योग लगाए हैं. जहां यहां के मूलवासी- आदिवासी काम काम करते हैं और अपना भरण- पोषण करते हैं. उन सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें इसकी पूर्व सूचना दी जानी चाहिए थी. मगर ऐसा ना करते हुए सीधे छापेमारी कर मशीनों को सील कर दिया जाना, कच्चा माल एवं उत्पाद को भी सील करना, छोटे- छोटे उद्योगों को बंद करने को किसी प्रकार से सही नहीं कहा जाएगा. उद्यमियों ने बताया कि इस संदर्भ में कुशल अधिवक्ता से जानकारी लेकर हम सभी एशियन पेंट्स के विरोध में मुंबई हाई कोर्ट में अपील करेंगे और अगर यह कार्य नियम विरुद्ध बताया गया तो एशियन पेंट्स के विरोध में मानहानि का दावा भी प्रस्तुत करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में लघु उद्योग भारती के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद रहे.
बता दें कि मंगलवार को टीम ने मिकासू मिट्रिट (फेज एक), क्लिन एन कैम (फेज तीन), अरिहंत इंडस्ट्रीज (सुधा डेयरी मोड़) सर्वोत्तम पेंट्स (फेज तीन), आरुषि पेंट्स (गम्हरिया उषा मोड़) एवं मोदी हार्डवेयर आदित्यपुर में छापेमारी की थी, और उत्पाद जप्त किए थे.