जमशेदपुर: रविवार को कुड़मी समाज की एकता जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित निर्मल भवन में देखने को मिला. जहां कुड़मी समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के दौरान समाज दो गुटों में बंट गया और थोड़ी देर के लिए निर्मल भवन रणभूमि में तब्दील रहा. हालांकि मीडिया की मौजूदगी में समाज के बुद्धिजीवियों ने किसी तरह विवाद को शांत कराया फिर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बाद में सभी ने गिले- शिकवे दूर कर आगे के लिए एकजुटता दिखाने की बात कही.
दरअसल पिछले दिनों कुड़मी को एसटी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल- ओड़िसा और झारखंड के कुड़मी समाज ने रोल रोको आहूत की थी. जिसमें बंगाल इकाई ने बेहतर कार्य किया था और पूरी तरह से रेल सेवा ठप्प कर दी थी, मगर झारखंड इकाई ने इसमें शत प्रतिशत योगदान नहीं दिया था. इसको लेकर बंगाल इकाई का नेतृत्व कर रहे अजीत महतो खासे नाराज चल रहे थे. रविवार को झारखंड इकाई द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में आते ही अजीत महतो बिफर पड़े और कुड़मी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल कोहदार का विरोध कर दिया. इस दौरान दोनों पक्षों के समर्थको के बीच थोड़ी देर के लिए बहस छिड़ गई. देखते ही देखते दोनों पक्षों के समर्थक भिड़ गए.
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अजीत महतो ने यहां तक कह डाला कि बैठक में या तो वे रहेंगे या शीतल कोहदार. अजीत महतो ने आरोप लगाया कि शीतल कोहदार ने उनका हर जगह विरोध किया है. मीटिंग की तारीख तक बदल दी गई. झारखंड में भी रेल रोको आंदोलन किया जाना था, लेकिन झारखंड के सिर्फ नीमडीह में 3 घंटे के लिए रेल रोको आंदोलन हुआ.
वहीं, इस मामले में शीतल कोहदार का कहना था कि अजीत महतो उनके अभिभावक की तरह हैं. हालांकि थोड़ी देर विवाद के बाद कार्यक्रम दुबारा दोबारा से शुरू की गई.
हालांकि जिस एकता का दावा कुड़मी समुदाय कर रहा है आज के हंगामे को देख ऐसा लग रहा है कि कहीं न कहीं समाज मुद्दों से भटक रहा है जो आनेवाले दिनों में समाज के लिए घातक साबित होगा. वैसे समाज के रहनुमा इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.
*ब्यूरो रिपोर्ट इंडिया न्यूज वायरल बिहार झारखंड*
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