कुचाई: प्रखंड अंतर्गत अरुवां पंचायत के जिलिंगदा गांव में उरांव समाज के तत्वाधान में पारंपरिक रीति रिवाज के तहत सरना मंडप की स्थापना की गई. सुबह उरावं समाज के लोग एकजुट होकर पूरे विधि- विधान के तहत प्राकृति की पूजा अर्चना की गई.
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साथ ही गांव के सुख- समृद्वि और खुशहाली की कामना की गई. जिसमें कुचाई- खरसावां के पोंडोकाटा, मुण्डादेव, चाकड़ी एवं आनंदडीह गांव के लोग शामिल हुए. साथ ही समाज के लोग पारंपरिक गीतों पर जमकर नृत्य किया.
मौके पर अरूवां पंचायत की मुखिया सरस्वती मिंज ने कहा कि आगामी 24 मार्च को धूमधाम के साथ सरहुल का त्यौहार मनाया जाएगा. यह हमारी संस्कृति, परंपरा का पर्व है. यह पर्व गांव में खुशहाली का प्रतीक है. इस पूजा से गांव में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाती है. लोगों की भावनाएं इस खास पूजन से जुड़ी हुई है. इस पूजन परंपरा में मैं शामिल हुआ, मुझे काफी अच्छा लगा. जबकि पोंडाकाटा पंचायत के मुखिया अनुराधा उरांव ने कहा कि गांव के लोग एक साथ जुटते हैं और गांव में खुशहाली के लिए कामना करते हैं.
वहीं जनता दल युनाइटेड के नेता सह समाजसेवी विनोद बिहारी कुजूर ने कहा कि कहा कि गांव की यह पुरातन परंपराएं हमेशा जीवित रहनी चाहिए. हमारी आदिवासी संस्कृति में कठोरी पूजन का खास महत्व है. इस दौरान मुख्य रूप से अरूवां पंचायत के मुखिया सरस्वती मिंज, पोंडाकाटा पंचायत के मुखिया अनुराधा उरांव, बिनोद बिहारी कुजूर, मनोज कच्छप, सुनील लकड़ा, बाबुलाल लकड़ा, महेश मिंज, मदन लकड़ा, बासुदेव मिंज, राजेन उरांव, कौशल्या कुजूर सहित काफी संख्या में उरावं समाज के लोग उपस्थित थे.
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