कुचाई/ Ajay Mahato : बकास्त मुंडारी 39 मौजा द्वारा प्राकृतिक महापर्व सरहूल को लेकर कुचाई के दलभंगा में बुधवार को अजित कुमार मुंडा की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में आगामी 11अप्रैल को सरहूल पर्व मनाने को लेकर विचार विमर्श किया गया. इस बैठक में अजीत कुमार मुंडा ने सरहुल पूजा के विषय पर अपना विचार देते हुए कहा कि सरहुल पूजा से पहले सखुवा पेड़ का नया पत्ता,जिरूल फूल,पुटकल साग,कटहल,बड़हर फूल का सेवन नहीं करना चाहिए.
वही दशरथ उरांव ने कहा कि सरहुल सिर्फ अच्छी फसल के लिए नहीं बल्कि मौसम की भविष्यवाणी के लिए भी जाना जाता है. इसी पर्व से आदिवासी यह पहले ही जान लेते हैं, कि इस वर्ष कैसी बारिश होगी. आदिवासियों के नए साल की शुरुआत भी इसी पर्व के बाद होती है. साथ ही साथ 39 मौजा के तमाम पदाधिकारी,सदस्य लोग उपस्थित होकर बारी-बारी से सरहुल महापर्व पर प्रकाश डालते हुए अपनी बातों को रखें.मौके पर धर्मेंद्र सिंह मुंडा,अजित कुमार मुंडा,रामचंद्र मुंडा,दशरथ उरांव,सोमनाथ मुंडा,सुकलाल मुंडा,सन्तोष मुंडा समेत मुंडागण मौजुद थे.