कुचाई: प्रखण्ड के जुगीडीह में ग्राम सभा एवं सामुदायिक वन पालन समिति द्वारा अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पंरम्परागत वन निवासी अधिनियम 2006, नियम 2008, संसोधित नियम 2012 के तहत पत्थरगाडी का तृतीय स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया.
इस दौरान विभिन्न गावों से पहुंचे वनाश्रित गांव के पश्चिमी छोर से पारपंरिक रीति- रिवाज व नृत्य के साथ जुलूस निकालकर पत्थरगड़ी स्थल तक पहुचे. और विधि विधान से पूजा अर्चना कर वार्षिक स्थापना दिवस मनाया.
साथ ही पैड़- पौधे, पशु- पक्षी, वन, पहाड़, फल- फूल, जीविकोपार्जन व वन संरक्षण की रक्षा करने, जंगल पर हमार अधिकार- जीने का है वह आधार, जंगल- जैव विविधता का संरक्षण, हम करेंगे- हम करेंगे… के नारों के साथ वनों की कटाई रोकने, वन उपज का सही उपयोग करने, वन विभाग पर हमेशा निर्भर नही रहने, जंगल में किसी प्रकार का शिकार नही करने का संक्लप लिया.
मौके पर झारखंड जंगल बचाओ आन्दोलन के प्रदेश प्रभारी सोहन लाल कुम्हार ने कहा कि सरकार ने जंगलों पर संरक्षण, पुनरुज्जीवित, उपयोग और प्रबंधन करने का वनाधिकार पट्टा निर्गत किया है. जंगल एक प्राकृतिक मंदिर है. जिसका संरक्षण करना जरूरी है. स्वच्छ हवा तथा जलवायु परिवर्तन को संतुलन बनाए रखने के लिये जंगल बचाना अनिवार्य है. जंगलों के नाश होने से वनौपजों में भी कमी आती है. जिसके कारण वनाश्रितों की आय में कमी आएगी. लेकिन वन विभाग के मिलीभगत से जंगलों की अवैध कटाई की जा रही है. लकड़ी माफियाओं द्वारा ट्रैक्टर से कच्चा बोटा पार किया जा रहा है. वन विभाग वनों के रक्षक नही, बल्कि भक्षक बने हुए हैं.
वहीं झारखंड जंगल बचाओ आन्दोलन के जिला प्रभारी ने कहा कि जंगल जीविका के स्त्रोत हैं. जंगल रहने से समय पर वर्षा होती है. शिकार करने, महुआ चुनने तथा केंन्दु पता तोड़ने के नाम पर जंगल में आग नही लगाना चाहिए. आग से जैव विविधताओं पर भयावह संकट उत्पन्न होती है.
वही धमेंद्र सिंह मुंडा ने कहा कि जल- जंगल- जमीन के बिना जीवन जीना मुश्किल है. इस दौरान मुंख्य रूप से सोहन लाल कुम्हार, भरत सिंह मुंडा, धमेन्द्र सिंह मुंडा, सुखराम मुंडा, गणेश भूमिज, दासार बांदिया, गोविन्द सोय, बोध सिंह भूमिज, गणेश मुंडा, रूईदास भुमिज, दुर्गा भुमिज, अर्जुन ठटेरा, लखिन्द्र ठटेरा, चरण तांती, कालीचरण चित्रागांर, मदन भुमिज, रामचन्द्र भूमिज आदि वनाश्रित उपस्थित थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur