कुचाई: धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान को लेकर शुक्रवार को मुण्डा- मानकी सभागार में 25 ग्राम सभा के सदस्यों ने बैठक कर की बैठक में उपस्थित प्रतिभागियों को सर्वप्रथम धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान क्या है, क्या- क्या योजना लेना है, क्यों योजनाएं मागी जा रही है, तथा सरकारी निर्देशन में क्या- क्या गलतियां है के सम्बंध में सोहन लाल कुम्हार, भरत सिंह मुण्डा तथा बाबलू मुर्मू ने विस्तार पूर्वक जानकारी दी.

इन योजनाओं का किया गया चयन
बैठक में रायसिंहदिरी, लेप्सो, रामायसाल, डांगो, भुरकुण्डा, रोचदा, जोवाजंजीड, बड़ाबाण्डीह, छोटाबाण्डीह, पुनीबुढी़, दुखियाडीह में सड़क तथा पीसीसी पथ का निर्माण. रायसिंहदिरी के दैविक स्थान झाण्डाबुरु, भुरकुण्डा के सुरसी पहाड़ में टावर तथा वन्य प्राणियों के संरक्षण के लि 20 गुफाएं और डांगो में झारना तथा नाले पर पर्याटन केन्द्र का निर्माण. रायसिंहदिरी, तिलोपदा तथा दुखियाडीह में वनाधिकार प्रमाण- पत्र प्राप्त वनाश्रितों के लिये पक्का आवास का निर्माण. रायसिंहदिरी, रोचदा तथा लेप्सो में मोबाईल टावर लगाने. रायसिंहदिरी, बाण्डीह, भुरकुण्डा, डांगो, दुखियाडीह में मत्सय पालन हेतु तलाबों का जीर्णोद्धार करना तथा मत्सय पालको को प्रशिक्षण के लिये भेजना. सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण, संवर्धन, पुनुरुज्जीवित, उपयोग तथा प्रबंधन के लिए कौशल विकास के तहत सामुदायिक वनाधिकार प्रमाण- पत्र प्राप्त सभी ग्रामों से 3- 3 सदस्यों को प्रशिक्षण में भेजने का प्रस्ताव पारित किया गया.
उक्त योजनाएं उन्ही ग्रामों के लिये चयन किया गया जिन ग्रमों में सरकार द्वरा वनाधिकार कानून 2006 के तहत सामुदायिक तथा व्यक्तिगत वनाधिकार प्रमाण- पत्र निर्गत किए जा चुके है तथा अनुसूचित जनजाति ग्राम है. बैठक में जिला में 40- 50 ग्रामों के सामुदायिक वनाधिकार दावे बनकर तैयार है जिसमें वन विभाग का हस्ताक्षर बाकी है इसपर उपस्थित प्रतिभागियों ने नाराजगी जाताते हुए वनाधिकार कानून के क्रियान्वयन में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया.
