कुचाई/ मानकी मुंडा संघ द्वारा सोमवार को कुचाई प्रखंड विकास पदाधिकारी सुजाता कुजूर से मुलाकात कर देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रीय विधि आयोग नई दिल्ली के सचिव के नाम पर एक ज्ञापन सौंपा गया. सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि मानकी मुंडा संघ ने एक समान सिविल सहिंता पर सुझाव के संबंध में ज्ञापन सौंपा है. जिसमें लिखा कि हम आदिवासी रुढ़िवादी प्रथा से संचालित हैं. जैसे शादी- विवाह, जन्म- मृत्यु, भाषा- संस्कृति आदि दूसरों की अपेक्षा भिन्न है.
झारखंड राज्य पांचवी एवं छठवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है. हमारे क्षेत्र में छोटा नागपुर कस्तकारी अधिनियम 1908 एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 भी लागू है. समान नागरिक संहिता लागू होने से आल्पीकरण करने से हम आदिवासियों पर बुरा असर होगा. हमारे कोल्हान क्षेत्र में भी विल्किन्सन रूल 1837 लागू है. उसी तरह से पेशा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006 भी प्रभावित होगी. जिस प्रकार इस संविधान में अनुसूचित जनजातियों को अपवाद एवं उपानांतर के अधीन रखा गया है. उसी प्रकार समान नागरिक संहिता में भी अनुसूचित जनजातियों को अपवाद व उपानांतर के अधीन अलग रखा जाना चाहिए.
बीडीओ को ज्ञापन सौपने के दौरान मुख्य रूप से सुरेश चंद्र सोय, सुखराम मुंडा, राम कृष्णा मुंडारी, भरत सिंह मुंडा, रामचंद्र सोय, सुरेश चंद्र सोय, गणेश भूमिज, लखींद्र भूमिज, मुन्ना सोय, गोपाल कृष्णा सोय, राहुल सोय आदि उपस्थित थे.