शेल कंपनियों, मनरेगा और खनन घोटाले की जांच की आंच अब कई आईएएस अफसरों को परेशानी में डाल सकता है. ईडी का शिकंजा जैसे- जैसे कसता जा रहा है, नए-नए चेहरे भी सामने आते जा रहे हैं.
गुरुवार 26 मई को ईडी कार्यालय में एक साथ सुबह- सुबह कोल्हान के तीनों जिले के खनन पदाधिकारी पहुंचे. कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम के जिला खनन पदाधिकारी संजय कुमार शर्मा, सरायकेला-खरसावां के जिला खनन पदाधिकारी सन्नी कुमार व पश्चिमी सिंहभूम के जिला खनन पदाधिकारी निशांत अभिषेक एक साथ ईडी कार्यालय पहुंचे. ईडी कार्यालय आने के लिए तीनों अफसरों ने प्राइवेट वाहन का इस्तेमाल किया.
ईडी ने तीनों डीएमओ को पूछताछ के लिए समन भेजा था. ईडी के समन के बाद निशांत अभिषेक ने अपना मोबाइल बंद कर लिया था. मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी सिंहभूम के डीएमओ को जिले में आए करीब पांच माह ही हुए हैं, लेकिन सरायकेला के डीएमओ सन्नी कुमार करीब तीन वर्ष से यहां पदस्थापित हैं. इससे पहले संजय शर्मा सरायकेला में भी पदस्थापित रहे हैं. बहरहाल, अब तक जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक कोल्हान के तीनों डीएमओ एक ही बैच के अधिकारी हैं.
ईडी को मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा बालू खनन सरायकेला-खरसावां में ही हुआ है. एसडीओ रंजीत लोहरा ने एक माह पहले डीएमओ के खिलाफ अवैध बालू लदी गाड़ियों को छोड़ देने की शिकायत उपायुक्त अरवा राजकमल से की थी. इसके बाद उपायुक्त ने अपर उपायुक्त सुबोध कुमार के नेतृत्व में जांच कमेटी का भी गठन कर दिया है. पंचायत चुनाव की वजह से कमेटी ने अब तक जांच शुरू नहीं की है, लेकिन चुनाव के बाद जांच में क्या होता है, देखने वाली बात होगी.
ईडी कार्यालय में सुबह से ही तीनों डीएमओ से पूछताछ जारी है. ईडी के सवालों ने तीनों डीएमओ का मुह बंद कर दिया है. वे एजेंसी को जांच में सहयोग नहीं कर रहे है. खुद को बेगुनाह बताने में लगे हुए है. मगर ईडी के पास तीनों डीएमओ की कुंडली है. ईडी ने तीनों डीएमओ से पूछा इतने कम समय की नौकरी में कैसे करोड़पति बन गए ? इस सवाल का जवाब किसी भी डीएमओ ने नहीं दिया. अब तीनों डीएमओ से आमने- सामने पूछताछ हो रही है. ईडी को उम्मीद है कि इन डीएमओ से अवैध माइनिंग से संबंधित अहम जानकारी मिल सकती है. डीएमओ पर अवैध माइनिंग और अवैध वसूली का आरोप, मामला भी है दर्ज