चक्रधरपुर/ Ashish Kumar Verma, स्थानीय वन विश्रामागार में गुरुवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने बैठक कर कार्यकर्ताओं को पार्टी संगठन की मजबूती पर कार्य करने का दिशा- निर्देश दिया. बैठक के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए श्री कोडा़ ने कहा कि बुधवार को झामुमो जिला अध्यक्ष सुखराम उरांव द्वारा लोकसभा सीट में झामुमो के प्रत्याशी को खड़ा करने की बात के बाद मचे सियासी सांग्राम के सवाल के जवाब में श्री कोडा़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा गठबंधन धर्म निभाती रही है और हर एक कांग्रेस का कार्यकर्ता अपने जी जान से पार्टी एवं गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने का कार्य किया है, जबकि झामुमो के जिला अध्यक्ष सुखराम उरांव एवं अन्य विधायकों द्वारा जो भी बातें कहीं गई है वह उनका निजी मत है, इसमें पार्टी संगठन का कोई दिशा- निर्देश नहीं है.
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उन्होने इस तरह का बयान देकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने का कार्य किया है. कांग्रेस पार्टी स्थिति परिस्थिति के अनुसार ईट का जबाब पत्थर से देना जानती है और अपने इज्जत और सम्मान के लिए कोई समझौता नहीं करेगी.
इधर पश्चिमी सिंहभूम जिला झामुमो के सचिव सोनाराम देवगम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांग्रेसियों को आड़े हाथ लिया है. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि झामुमो ने गठबंधन धर्म निभाने के चलते ही सिंहभूम में जिस मृतप्राय कांग्रेस पार्टी को 2019 में सिंहभूम संसदीय सीट गिफ्ट कर फिर से राजनीतिक रूप से जिंदा करने का काम किया था वही कांग्रेस आज झामुमो को गठबंधन धर्म का पालन करने का नसीहत दे रहा है जो हास्यास्पद है. झामुमो जिला समिति द्वारा बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना के अनुरूप सर्वसम्मति से लिया गया फैसला झामुमो का आंतरिक मामला है, इस पर सांसद गीता कोड़ा और कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया उनकी कमजोरी और बौखलाहट को दर्शाता है. जिला में कांग्रेस पार्टी के बयानवीर नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि 2014 में झामुमो और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां मैदान में थीं और झामुमो ने अपने बलबूते सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के छः में से पांच विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि कांग्रेस एक भी विधानसभा नहीं जीत पाई थी. मतलब साफ है, झामुमो के समर्थन के बिना सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस का कोई अस्तित्व ही नहीं है. 2019 में गठबंधन धर्म का पालन करते हुए झामुमो ने बड़ी सिद्दत से तैयार किया हुआ सिंहभूम संसदीय सीट कांग्रेस को गिफ्ट कर दिया था और झामुमो के समर्थन के बदौलत ही कांग्रेस ने सिंहभूम संसदीय सीट तथा जगन्नाथपुर विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था. सांसद गीता कोड़ा ने ठीक ही कहा है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती है. जिस तरह से 2019 में झामुमो ने गठबंधन धर्म निभाया था, अब इस बार गठबंधन धर्म निभाने की बारी कांग्रेस की है.
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