चाईबासा: कुड़मी महतो समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने के मांग के विरोध में कोल्हान आदिवासी एकता मंच के तत्वावधान में 23 नवंबर से आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. मंच द्वारा पूर्व में 25 अक्टूबर को कोल्हान मुख्यालय चाईबासा में जन आक्रोश बाइक रैली निकाली गई. रैली में काफी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग और 21 से ज्यादा आदिवासी संगठन के लोग उपस्थित थे.
रैली के बाद शुक्रवार को कोल्हान आदिवासी एकता मंच की समीक्षा बैठक हुई और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई. चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि कुड़मियो के समर्थन में हस्ताक्षर किए जनप्रतिनिधियों विधायक सांसदों को लगता है किसी प्रकार की कोई असर नहीं हुआ. अब तक वह अपना स्टैंड क्लियर नहीं कर रहे हैं. बैठक में बैठक की अध्यक्षता कर रहे मंच के मुख्य संयोजक सुशील पूर्ति ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आदिवासी विधायक अपने आदिवासियों की परिचय नहीं दे रहे हैं.
बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा करते हुए यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक गांव एवं प्रखंडों में एक दिवसीय धरना एक साथ सभी जगह दिया जाएगा. वहीं मंच 1 सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांग एवं अपने विचार रखेंगे. मंच ने सभी जनप्रतिनिधि वह विधायक, सांसद, पंचायत प्रतिनिधि, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री को अपना स्टैंड क्लियर करने को कहा है. आंदोलन को और बड़ा रूप देने के लिए पूरे कोल्हान में प्रखंड वार कमेटी बनाई जाएगी जिससे कमेटी के द्वारा प्रखंड वार आंदोलन करने में काफी मदद मिलेगा. मंच ने निर्णय लिया है कि 23 नवंबर 2022 को पूरे कोल्हान में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. आर्थिक नाकेबंदी के लिए जगह- जगह नुक्कड़ नाटक एवं जनसंपर्क अभियान लगातार चलाया जाएगा. जोकि आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने में काफी कारगर होगा. आर्थिक नाकेबंदी के लिए अन्य प्रमंडलों एवं जिलों में गठित कमेटियों से समन्वय स्थापित कर ली गई है. साथ ही आर्थिक नाकेबंदी के दौरान अन्य राज्यों से भी लोग कोल्हान आदिवासी एकता मंच के सहयोग के लिए उपस्थित रहने की सहमति जताई है.
बैठक में आदिवासी एकता मंच के संयोजक सुशील पुरती, अध्यक्ष रमेश जेराई, उपाध्यक्ष ईपिल समाड, सचिव रवि बिरुली, वीरसिंह बिरुली, देवेन्द्रनाथ चांपिया, संचू उरांव,लालू कुजूर,छात्र नेता सनातन पाट पिंगुवा, आदिवासी हो समाज महासभा के महासचिव यदुनाथ तियू, कोल्हान यंगस्टर्स यूनिटी टीम से रेयांस सामड, सेवानिवृत्त संगठन के चंद्रमोहन बिरुवा, भूमि बचाओ समिति विनोद सावैयां सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.