खूंटी: रविवार को खूंटी के बिरसा कॉलेज परिसर में “अबुआ बुगिन स्वाथ्य” यानी “हमारा बेहतर स्वास्थ” विषय पर नवा पहल जनजातीय संवाद के तहत मेगा स्वस्थ मेला का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित किया गया.
इस स्वास्थ्य कैंप में 60 हज़ार से अधिक ग्रामीण महिला, पुरुषों ने देश भर के बड़े अस्पतालों से आए विभिन्न रोगों के 350 से अधिक स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से अपना स्वास्थ जांच कराया.
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस एवं विशिष्ट अतिथि भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री सह स्थानीय सांसद अर्जुन मुंडा के साथ लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर पद्मभूषण कड़िया मुंडा, स्थानीय विधायक कोचे मुंडा व नीलकंठ सिंह मुंडा, जनजातीय मामले मंत्रालय के सचिव एवं संयुक्त सचिव अनिल कुमार झा, नवल कपूर, उपायुक्त खूंटी शशि भूषण, पुलिस अधीक्षक खूंटी के साथ देशभर से आए कई गण्मान्य डॉक्टर मौजूद रहे.
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर एवं अतिथियों के आदर सत्कार से शुरू किया गया. मेले में सामान्य जांच से लेकर तमाम बड़ी बीमारियों की जांच निःशुल्क की गयी साथ ही दवाओं का मुफ्त वितरण भी किया गया. शिविर में एलिमको की तरफ से 3000 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग उपकरण भी प्रदान किए गए. शिविर में 100 से अधिक लोगों द्वारा रक्तदान किया गया. 25000 लोगों को चश्मे दिए गए.
राज्यपाल रमेश बैस ने रिमोट के जरिए इसका विधिवत उद्घाटन किया. राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा की धरती पर आज ये प्रोग्राम होता हुआ देखकर बहुत अच्छा लग रहा है. देश की आज़ादी में हमारे जनजातियों का अविस्मरणीय योगदान है. झारखंड वीरों की धरती है. पूरे देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, बेहतर स्वास्थ से सच्चे सुख का आनंद मिलता है. मुझे विश्वास है कि आज इस स्वस्थ मेले में लोगों का बेहतर इलाज किया जाएगा, और इस तरह के प्रयासों को गांव के स्तर पर भी ले जाया जाएगा, तभी इसका लाभ आम जनों तक जाएगा. कार्यकर्म की समाप्ति के बाद उन्होंने तमाम हेल्थ चेकअप स्टॉल का जायज़ा भी लिया.
वहीं शिविर को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कहा, कि आज बिरसा मुंडा की धरती पर इतना बड़ा स्वास्थ मेला का आयोजन कर मन गर्वित है. हम आगे भी ऐसे आयोजन करते रहेंगे. ये नवा पहल स्वास्थ्य मेला हमारे जिला का मान बढ़ाएगा, इसमें भले ही लोगों को आकर खुशी न मिले मगर घर जा कर अवश्य खुशी का पल महसूस होगा. श्री मुंडा ने आगे कहा कि आज भारत सरकार आज़ादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रही है. आज हमे एक दूसरे को समझने की ज़रूरत है. तभी हम देश की तरक्की करेंगे. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को समझाने की जरूरत नहीं, उन्हें समझने की जरूरत है. आज भारत सरकार देश के एक राज्य से आदिवासी महिला को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है और यह बहुत ही गर्व की बात है कि पहली बार एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनकर आएंगी. अबुआ बुगिन स्वास्थ मेला (हमारा बेहतर स्वास्थ) में खूंटी क्षेत्र के जितने भी लोगों ने निबंधन कराया है, इससे उनके बीमारियों का पता चलेगा और उनका बेहतर इलाज घर पर आकर किया जायेगा.
कार्यक्रम को पद्मभूषण कड़िया मुंडा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, कोचे मुंडा, उपायुक्त खूंटी, जनजातीय मंत्रालय के सचिव और इस परियोजना से जुड़े प्रमुख चिकित्सकों ने भी बारी बारी से संबोधित किया.
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उक्त स्वास्थ्य शिविर में शिशु रोग, महिला रोग, दांत रोग, कैंसर रोग, हड्डी रोग, हृदय रोग, चर्म रोग, पेट रोग, न्यूरो रोग, नेत्र रोग, यूरो रोग, मधुमेह रोग, रक्त रोग आदि रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक सहित 300 से अधिक डाॅक्टर मौजूद थे. शिविर में सामान्य रोगों की भी जांच कर निःशुल्क दवाईयां दी गई. इसके अलावा शिविर में प्लास्टिक सर्जरी, स्टेम सेल थेरेपी सहित अन्य सुविधाओं से जुड़े विशेषज्ञ भी उपलब्ध थे.
स्वास्थ मंत्री ने कार्यक्रम का किया बहिष्कार, लौटे बैरंग
कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता शामिल हुए बगैर बैरंग लौट गए. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार पर स्वास्थ्य के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने इस मेगा स्वास्थ्य शिविर को भाजपा प्रायोजित स्वास्थ्य शिविर करार दिया और कहा केंद्र सरकार चुने हुए जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रही है. दरअसल स्वास्थ्य शिविर के लिए लगाए गए बैनर में राज्य के मुख्यमंत्री की तस्वीर नहीं होने से मंत्री बन्ना गुप्ता खफा हुए और बगैर कार्यक्रम में शिरकत किए वापस लौट गए. स्वास्थ्य मंत्री ने इसका ठीकरा जिले के उपायुक्त पर फोड़ते हुए खूब खरी- खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कार्यक्रम के लिए लगाए गए बैनर में राज्य के मुखिया की तस्वीर नहीं लगाना उनका अपमान है. ऐसे में आयोजकों द्वारा उनकी तस्वीर लगाकर सीधे- सीधे मुख्यमंत्री को अपमानित किया गया है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. स्वास्थ्य विभाग राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता. राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री को न्योता तक नहीं दिया गया जो कहीं से भी शोभनीय नहीं है. ऐसे में सवाल यह उठता है, कि क्या स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री से उक्त कार्यक्रम में शिरकत होने से पूर्व रायशुमारी नहीं की थी ? क्या कार्यक्रम में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने आयोजकों के सम्बंध में जानकारी नहीं ली थी ? क्या कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पूर्व उन्होंने बैनर नहीं देखा था ? यदि सब कुछ जान कर भी स्वास्थ्य मंत्री कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे, तो क्या इसे भी एक राजनीतिक हथकंडा माना जाए ? वैसे मामला चाहे जो भी हो स्वास्थ्य मंत्री ने मुखर होकर कार्यक्रम का विरोध यह कहते हुए जता दिया कि राज्य के मुख्यमंत्री का अपमान वह बर्दाश्त नहीं कर सकते और इसके लिए उन्होंने जिले के उपायुक्त को जिम्मेदार ठहराया तो क्या इस अपमान का ठीकरा उपायुक्त के सर पर फूटने वाला है ! वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा आंखों देखी मक्खी कैसे निकल सकता हूं ! अब मक्खी कौन है ! किसे निगलने की बात स्वास्थ्य मंत्री कर रहे हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
सुनें क्या कहा मंत्री बन्ना गुप्ता ने
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