खरसवां: प्रखंड के कुदासिंगी गांव के शिव मंदिर प्रांगण में सोमवार को यदुवंशी प्राचीनतम उड़िया ग्वाला (प्रधान) जागृति मंच की एक बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में समाज में एक रूपता और सद्भाव, विकसित समाज के लिए बोली में मिठास और काम करने में क्रियाशीलता एवं सामाजिक एकता और सद्भाव बनाने पर बल दिया गया.
मौके पर सत्यनारायण प्रधान ने कहा कि शिक्षा किसी भी प्रगतिशील समाज की रीढ़ होने के साथ उसकी उन्नति और परिपक्वता का आइना होती है. शिक्षा से वंचित समाज श्रेष्ठता का दावा नहीं कर सकता और यह भी पता नहीं होता कि उसे कैसा व्यवहार करना चाहिए. भारत जैसे विकासशील देश के लिए तो शिक्षा का महत्व और भी बढ़ जाता है. हालांकि यह भी समझना जरूरी है कि शिक्षा का आशय महज किताबी ज्ञान से नहीं है. जो व्यक्ति लिख- पढ़ सकता है, उसे साक्षर तो कहा जाएगा. लेकिन यह जरूरी नहीं कि वह शिक्षित है. हालांकि साक्षरता इस प्रक्रिया का जरूरी कदम है. उन्होने कहा कि यदुवंशी प्राचीनतम उड़िया ग्वाला समाज द्वारा शिक्षा पर गांव- गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि प्रधान समाज के लोग शिक्षा से पीछे नही रहे, और शिक्षित समाज की स्थापना हो सके. बताया कि प्रत्येक प्रधान समाज के गांवों में बैठक करके समाज को संगठित किया जाएगा. नशा मुक्त अभियान चलाया जाएगा.
वहीं तरूण प्रधान ने उड़िया प्रधान ग्वाला जागृति मंच से आह्वान किया कि एकता एवं जागरूकता के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से समाज के लोगों को जोड़ना होगा. इस दौरान मुख्य रूप से उपेंद्र प्रधान, प्रकाश चंद्र प्रधान, सनत कुमार प्रधान, सच्चिदानंद प्रधान, पंकज कुमार प्रधान, सुनील कुमार प्रधान, विश्वजीत प्रधान, तनुज प्रधान, मधुसूदन प्रधान, अजय कुमार प्रधान, मनबोध प्रधान, गौरव कुमार प्रधान, शंकर प्रधान, प्रवीण प्रधान, गणपति प्रधान, कुणाल प्रधान आदि उपस्थित थे.