खरसावां (Team Inv) बुधवार को
खरसावां प्रखंड मुख्यालय के सभागार भवन में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सरायकेला- खरसावां द्वारा जल जीवन मिशन के तहत जलसहियाओं का क्षमतावर्धन एवं प्रशिक्षण हेतु प्रखंड स्तरीय एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
इस दौरान जल सहियाओं के बीच फिल्ड टेस्ट किट से जल जांच करने का प्रशिक्षण एवं किट दिया गया. कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए खरसावां प्रमुख मनेन्द्र जामुदा ने कहा कि प्रदूषित जल से 80 प्रतिशत बीमारियों का जन्म होता है. हर क्षेत्र में जल के गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए. इसके लिए हर जल सहिया को एफटीके किट दिया गया. जल सहिया ग्रामीण क्षेत्र की रीढ़ हैं. उन्होने कहा कि झारखंड में मिनरल्स काफी हैं इसलिए जल प्रदूषण की आशंकाएं भी ज्यादा है.
प्रदूषित जल से ही तरह- तरह के बीमारियों का जन्म होता है. यह जरूरी है, कि हम जहां भी रहते हैं, वहां के जल की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित की जाए. वही पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जिला समान्यवक एमआईएस अनुज श्रीवास्तव, श्याम चरण प्रमाणिक, प्रखंड समान्यवक जियाउल हक, जिला प्रयोगशाला के बिजु सरदार ने जल सहियाओं को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य पेयजल स्रोत चापाकल के पानी की गुणवत्ता की जांच करना है. जिससे पानी से होने वाले रोगों से ग्रामीणों को बचाया जा सके. साथ ही प्रशिक्षण के बाद वैसे पेयजल स्रोत से ग्रामीणों को दूर रखने की हिदायत दी गई जो स्रोत जल जांच के बाद पीने योग्य ना मिले.
उन्होंने बताया कि जल जांच में मुख्य रूप से आयरन फ्लोराइड, पीएच, टीडीएस, अलकाइन बैक्टीरिया आदि की जांच प्रमुख है. इस दौरान मुख्य रूप से प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, पंचायत समिति सदस्य अजित प्रधान, जिला समान्यवक एमआईएस अनुज श्रिवास्तव, श्याम चरण प्रमाणिक, प्रखंड समान्यवक जियाउल हक, जिला प्रयोगशाला के बिजु सरदार सहित काफी संख्या में जलसहिया उपस्थित थें.