खरसावां- कुचाई में परिवार में सुख-समृद्वि और शांति के लिए मंगलवार को खरसावां शहरी क्षेत्र स्थित गुडिचा मंदिर, हरिभंजा, दलाईकेला, बडाकुड़मा के गुड़िचा मंदिरो सहित विभिन्न मंदिरों व मां तारिणी पीठों पर मां संकट तारिणी की पूजा की गयी. कई श्रद्वालुओं द्वारा घरो में भी कलश स्थापित कर माता की पूजा अर्चना की गयी.
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महिलाएं 13 प्रकार के मिष्ठान, 13 प्रकार के फल- फूल, पान- सुपारी के साथ सुबह मंदिर पहुंची. महिलाओं ने व्रत रखकर विध्न- बाधा और नकारात्मक उर्जा दूर करने की कामना के साथ विपत्ततारिणी देवी की विशेष पूजा- अर्चना की. भगवती दुर्गा की विपत्ततारिणी स्वरूप की पूजा रथ यात्रा के बाद मंगल और शनिवार को होता है.
यानी आषाढ मास के तृतीया से नवमी तक अथवा धूमती रथ के अंदर विपत्ततारिणी की पूजा की जाती है. मंदिर से व्रत रखकर दिनभर पूजा- अर्चना की. मंदिरो में पूजा- अर्चना को लेकर सुहागिनों की भीड उमड़ी. महिलाओं ने नाम गोत्र के साथ पूजा पाठ करवा कर अपने और अपने परिवार के सदस्यों के सुख समृद्वि की कामना की.
ऐसी मान्यता है कि जीवन से विपत्ति को दूर करने के उदेश्य से हर वर्ष रथ पूजा के बाद पहले शनिवार और मंगलवार को मां विपततारिणी पूजा का आयोजन किया जाता है. इसके अलावे खरसावां, कुचाई, आमदा, बडाबाम्बों आदि क्षेत्र में भी श्रद्वालुओ ने अपने घरो में कलश स्थापित कर माता की पूजा- अर्चना की और देवी से सुख- शांति की कामना की गई.
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Reporter for Industrial Area Adityapur