खरसावां (प्रतिनिधि) प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण (सेवा कालीन सहित) परीक्षा- 2022 के प्रशिक्षुओं के सप्तम पत्र में ओड़िया भाषा की परीक्षाओं में प्रशिक्षुओं को शामिल करने की मांग को लेकर जिला उत्कल सम्मेलनी सरायकेला- खरसावां का एक प्रतिनिधि मंडल रविवार को भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौपा.
केन्द्रीय मंत्री को सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है, कि कोल्हान प्रमंडल क्षेत्र के अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला- खरसावां जिला से झारखंड अधिविध परिषद रांची द्वारा प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा के सत्यम पत्र में अन्य क्षेत्रीय भाषा को स्थान दिया गया है. परंतु आश्चर्यजनक ढंग से उड़िया भाषा को हटा दिया गया है. यह उड़िया समाज के लिए दु:खद है. झारखंड सरकार द्वारा ओड़िया भाषा को द्वितीय राजभाषा का मान्यता दिया गया है. भारतीय संविधान में भाषाई अल्पसंख्यकी दिए गए प्रावधान का घोर उल्लोघन है.
ओड़िया भाषा भाषी लोग झारखंड के मूल निवासी हैं. ओड़िया संविधान के आठवीं अनुसूची से मान्यता प्राप्त भाषा है. जिला सरायकेला खरसावां उत्कल सम्मेलनी पुनः उक्त परीक्षा में उड़िया भाषा को शामिल करने की मांग करती है. उत्कल सम्मेलनी ने ओडिया भाषा शिक्षा के विकास, समस्याओं के समाधान हेतु तत्काल आवश्यक कदम उठाने की मांग की है. केन्द्रीय मंत्री को ज्ञापन सौपने के दौरान मुख्य रूप से उत्कल सम्मेंलनी के जिला परिदर्शक सुशील षाड़गी, अध्यक्ष एस महांती, सचिव अजय प्रधान, विरोजा पति, सपन मंडल, कंचन कुमार चौहान, भरत चन्द्र मिश्रा, जयजीत सांड़गी आदि उपस्थित थे.