सरायकेला- खरसावां जिला को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने, 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति लागू करने की मांग पर गुरूवार को खरसावां शहीद स्थल पर आजसू प्रखंड कमेटी खरसावां द्वारा प्रखंड अध्यक्ष शम्भू मंडल की अध्यक्षता में एक दिवसीय मौन धरना- प्रदर्शन का आयोजन किया गया.
मौके पर श्री मंडल ने कहा कि आदिवासियों व मूलवासियों को अधिकार तभी मिलेगा जब 1932 के खतियान को आधार मानकर स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति लागू करे. खतियान के आधार पर स्थानियो को नियोजन दे. राज्य में चतुर्थ व तृतीय वर्गीय कर्मचारी के हजारों पद रिक्त रहने के बाबत उक्त पदों पर 1932 खतियान के आधार पर निर्गत निवासी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति दिया जाए. यह लड़ाई अपनी सरकार के खिलाफ नहीं है. वह अपना अधिकार मांग रहे हैं. नहीं मिलेगा तो समूचे झारखंड में आंदोलन जारी रहेगा. उन्होने कहा कि इस वर्ष पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण खेती-किसानी चैपट हो गयी है. किसान के खेत सूखे हैं. सावन माह बीतने के कागार पर है. लेकिन खेतों में हरियाली की जगह सूखा पड़ा हुआ है. किसान के समक्ष अनाज के साथ-साथ पशुचारा का संकट उत्पन्न हो गया है. ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि जिले को सुखाग्रस्त घोषित कर विशेष पैकेज देकर राहत कार्य चलाये, ताकि किसान, मजदूरों एवं पशुपालकों को राहत मिल सके. इस मौन धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से आजसू जिला कार्यकारी अध्यक्ष रामरतन महतो, आजसू प्रखंड कमिटि के अध्यक्ष शंभू मंडल, दर्शन सिंह हाईबुरू, लखिन्द्र भूमिज, राजेश महतो, लालजी जारिका, बिमल महतो, दुलेश्वर लेयागी, विमल महतो, भरत बेहरा, विकास नापित, अमन सरदार, राजा गागराई, गुरूपद लेयागी, टिकता पुरती, धीरेन साहु आदि उपस्थित थे.