खरसावां: बीती रात खरसावां बजारसाही निवासी प्रशांत मोदक (50) की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने रविवार सुबह खरसावां मुख्य बाजार को बंद करा दिया वहीं खरसावां बाजार होते हुए हाईस्कूल की ओर आने- जाने वाले सभी मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है. लोगों ने पुलिस- प्रशासन से दोषी वाहन चालक को चिन्हित कर कार्रवाई करने, मृतक के आश्रित को मुआवजा दिलाने और सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार बीती रात खरसावां हाईस्कूल की ओर से आ रहे एक मारुति अर्टिगा कार ने सड़क पर टहल रहे प्रशांत मोदक को रौंद दिया और चांदनी चौक होते हुए सरायकेला की ओर भाग निकला. इधर घायल प्रशांत को स्थानीय लोगों ने पहले खरसावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. जहां से चिकित्सकों ने टीएम रेफर कर दिया. टीएमएच ले जाने के क्रम में घायल ने कोलाबिरा के समीप दम तोड़ दिया. उसके बाद परिजन मृतक के शव को वापस सरायकेला सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां पोस्टमार्टम हाउस में शव को रखवा दिया. इधर घटना से आक्रोशित लोगों ने रविवार सुबह से ही सड़क जाम कर दिया है और बाजार को बंद करा दिया है. बताया जाता है कि मृतक अविवाहित था. इधर सूचना पर पहुंची पुलिस आक्रोशित लोगों को समझाने में जुटी है. समाचार लिखे जाने तक लोगों का विरोध जारी है. वहीं खरसावां आने- जाने मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं.
बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं को लेकर लोगों में आक्रोश
सरायकेला- खरसावां जिला में फिर एक बार सड़क दुर्घटना के मामले बढ़ गये है. यातायात के नियमों में अनदेखी के कारण सड़क दुर्घटनाओं के मामले बढ़ रहे है. जिला में नियमों को ताक पर रख कर छोटे- बडे वाहनों का परिचालन हो रहा है. कम उम्र के बच्चों को बाइक चलाने से लेकर एक बाइक पर तीन- चार लोगों को बैठ कर चलना अक्सर देखा जा सकता है. परंतु इस ओर प्रशासन कभी ध्यान नहीं देती. सरायकेला- खरसावां में निजी उपयोग के लिये रिजिस्टर कराये गये वाहनों का व्यवसाहिक उपयोग हो रहा है. निजी वाहनों को किराये पर लगा कर मनमाना भाडा वसूला जा रहा है. इस पर भी कभी जांच नहीं होती है.
सड़कों पर तेज गति से ट्रेक्टर चला रहे हैं नाबालिग ड्राइवर
खरसावां- सरायकेला में समय- समय पर जिला प्रशासन द्वारा वाहन जांच अभियान चला कर सिर्फ कोरम पूरा किया जाता है. जबकि ट्रेक्टर ड्राइवर को खुले आम सड़कों पर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते देखा जा सकता है. सड़कों पर बडी संख्या में नाबालिग ड्राइवरों द्वारा ट्रेक्टर चलाते देखा जा सकता है. कई ट्रेक्टर तो सामान लोड- अनलोड करने वाले मजदूरों से ही चलाये जाते है. इतना ही नहीं ट्रेक्टरों में लगाये गये साउंड सिस्टम में ऊंची आवाज में गाने तक बजते रहते है. इससे ड्राइवर को हॉर्न तक की आवाज सुनाई नही देती. इससे भी दुर्घटनायें बढ़ जाती है. ट्रेक्टर की ट्रॉली कृषि कार्य के लिये होता है, परंतु अधिकांश ट्रैक्टरों को व्यवसायीक उपयोग पर लगा दिया जाता है. इस ओर भी कभी प्रशासनिक जांच नहीं होती है.
सड़क पर उड़ती स्लैग भी बन रही है दुर्घटनाओं का मुख्य कारण
इसके साथ- साथ माल वाहक भारी वाहनों में ओवर लोडिंग, तेज गति से वाहन चलाना यहां आम बात हो गयी है. सड़कों पर चल रही स्लैग लदे वाहनों से उड़ती धूल के कारण भी दोपहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. परंतु इसे रोकने वाला कोई नहीं है. खास कर चाईबासा से सरायकेला, कांड्रा होते हुए चौका तक, हाता- राजनगर होते हुए चाईबासा तक व चांडिल हो कर गुरजरने वाली एनएच- 32 व 33 में अक्सर दुर्घटनायें घट रही है. बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं से आम लोग चिंतीत है.
बाइकर्स कर रहे स्टंट, बढ़ी दुर्घटना की आशंका
सरायकेला थाना क्षेत्र के अलग- अलग सड़कों को शाम के वक्त युवक साइलेंसर खुली हुई बाइक पर स्टंड करते फर्राटे भरने लगते हैं. इससे न केवल उनकी जान बल्कि सड़क से गुजरने वाले अन्य वाहनों और लोगों की भी सुरक्षा खतरे में रहती है. लोगों का कहना है कि इस पर रोक लगाना जरूरी है.