खरसावां: पथ निरिक्षण भवन मे वीर शहीद स्वतंत्रता सेनानी अर्जुन सिंह की शहादत दिवस धूमधाम से मनायी गयी. लोगों ने बारी- बारी से शहीद अर्जुन सिंह के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि
पोड़ाहाट के महाराजा अर्जुन सिंह बनारस जेल में बंदी रहते हुए शहीद हो गए थे. देश के स्वतंत्रता की लड़ाई में उन्हें बनारस जेल में राजबंदी के रूप में 30 साल तक कैद रखा गया था. कैदी के रूप में ही वो शहीद हुए थे. बता दें कि जब पूरे देश मे अंग्रेजो के विरुद्ध गदर 1857 फैला था. ज्यादातर राजा महाराजा अंग्रेज के आगे नतमस्तक होकर गुलामी स्वीकार ली. तब भी वीर योद्धा पोड़ाहाट महाराजा अर्जुन सिंह अंग्रेजो के खिलाफ सिंहभूम के कोल, भुइयां, भूमिज, गोप आदि जाति के सैनिकों औऱ प्रजा को लेकर लड़ाई जंगल पहाड़ में रहकर लड़ी. दो से तीन साल तक लड़ाई चली. किला, जायदाद सब लूट लिये गये. परिवार विखर गया. इसी बीच अंग्रेजों ने धोखे में रखकर कराईकेला के नकटी में पोड़ाहाट महाराज को गिरफ्तार कर लिया था. और उसी दिन से सिंहभूम में ब्रिटिशराज के विरुद्ध धधकती ज्वाला शांत हो गई. वो राजबंदी बना लिए गए. सारा राजपाट छिन्न- भिन्न कर दिया गया. नेवी की मद्रास रेजिमेंट में पुराना बस्ती नदी पार स्थित गढ़ ( गढ़धिपा ) को तहस नहस कर ध्वस्त कर दिया. महाराज जनता हित मे बनारस जेल में राजबंदी के रूप में 30 साल तक घुटन की जिंदगी काल कोठरी में पूरी जवानी शहादत दे दिया. अंततः बनारस जेल में ही आजाद भारत का सपना लिये वीर योद्धा ने अंतिम सांस लिया. वो लौटकर सिंहभूम नहीं आये. 30 साल सिंहभूम माटी के इज्जत, संम्मान के लिए युवा अवस्था जेल में बिता दिया.
श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से शैलेश सिंह, दीपक सिंहदेव, त्रिलोचन सिंहदेव, नरेश सिंहदेव, राणा सिंहदेव, रामेश्वर सिंहदेव, ज्ञानू सिंहदेव, त्रिलोक नाथ राय, पंकज सिंहदेव आदि शामिल थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur