खरसावां : खरसावां के जगन्नाथ मंदिरों में हेरा पंचमी की रात रथ भंगिनी की परंपरा निभायी गयी. भाई-बहन के साथ मौसी घर गुंडिचा मंदिर गये प्रभु जगन्नाथ के पांच दिन बाद भी श्रीमंदिर वापस नहीं लौटने पर मां लक्ष्मी नाराज हो कर स्वयं गुंडिचा मंदिर पहुंचती हैं तथा प्रभु जगन्नाथ के रथ नंदिघोष को तोड़ देती हैं. इस परंपरा को निभाया गया. मंदिर के चंद सेवायतों ने सभी रस्मों को निभाया.
सबसे पहले लक्ष्मी मंदिर से मां लक्ष्मी की प्रतिमा को पालकी में ले कर प्रभु जगन्नाथ के मौसीबाड़ी गुंडिचा मंदिर तक पहुंचाया. गुंडिचा मंदिर के बाहर खड़े प्रभु जगन्नाथ के रथ नंदीघोष पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा को रख कर रथ का एक हिस्सा तोड़ा गया. इस धार्मिक अनुष्ठान में भक्तों का समागम देखा गया. बड़ी संख्या में भक्त भजन कीर्तन करने के साथ-साथ जय घोष लगाते रहे. इस अनुष्ठान को भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.