खरसावां: मॉनसून के आगमन के साथ और छैरा पैरा पुरातन परंपराओं के बीच महाप्रभु जगन्नाथ संग बहन सुभद्रा व भाई बलराम की सवारी खरसावां के जगन्नाथ मंदिर से मौसीबाडी स्थित गुंडिचा मंदिर के लिए रवाना हुई. जय जगन्नाथ के उदघोष एवं छैरा पैरा परंपराओं के तहत प्रभु जगन्नाथ बहन सुभद्रा व बडे भाई बलराम की प्रतिमा को पूजनोपरांत एक- एक कर रथ पर विराजमान किया गया.
सैकडों श्रद्वालुओं ने प्रभु जगन्नाथ के जयकारों के साथ रथ खिंचाई शुरू की. जैसे- जैसे रथ बढ़ता रहा, लगा महाप्रभु जी सबको अपने साथ लिए बढ़ रहे है. करीब एक किमी के यात्रा में मार्ग पर सिर्फ भक्त और भगवान दिखे. प्रभु जगन्नाथ की यात्रा विभिन्न अनुष्ठानों के साथ देर शाम तक मौसीबाडी तक सफर किया. रथ को खींचने के लिए श्रद्वालुओं में होड मची थी. जैसे ही रथ मंदिर परिसर से निकलकर गोपबंधु चौक पहुचा, देखते ही देखते भक्तों का हुजूम उमड़ पडा.
रथयात्रा के दौरान युवाओं का उत्साह चरम पर था. ऊंचे रथ से प्रसाद व लडडुओं को फेंकने की परंपरा का निर्वहन हुआ. भक्त रथ खींचने के साथ प्रसाद लेने के लिए होड करते रहे. मौसीबाडी में प्रभु जगन्नाथ के पहुंचने पर विशेष पूजा अर्चना की गई. रथयात्रा के दौरान खरसावां जगन्नाथमय बना रहा. चारों ओर महाप्रभु की जय- जय कार होती रही.
नौ रूपों में होगे प्रभु के दर्शन
महाप्रभु जगन्नाथ अपने बडे भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसीबाडी पहुचें. जहां नौ दिनों तक विश्राम करेगे. इसी बीच मौसीबाडी में 9 दिनों तक उनके अलग-अलग रूपों का श्रृंगार किया जाएगा. भक्तगण उनके अलग- अलग रूपों का पूजन और दर्शन करेगें. नौ दिनों के बाद पुनः घूरती रथ पर सवार होकर प्रभु जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर वापस जाएगें.
हरिभंजा में भी निकली प्रभु रथ
खरसावां के हरिभंजा गांव में प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई. पुरी के तर्ज पर खरसावां के पूर्व प्रमुख विद्या विनोद सिंहदेव के परिवार द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना किया गया. इस रथयात्रा में पुरी की झलक देखकर लोग भक्तिमय हो गये. महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलराम की सवारी देखने के लिए भक्तो की भीड उमड पडी.
सरकारी खर्च पर हुई रथयात्रा
खरसावां की रथयात्रा का खर्च सरकार उठाती है. खरसावां अंचल कार्यालय द्वारा प्रभु जगन्नाथ के रथयात्रा एवं पूजा अर्चना में 70 हजार रूपये खर्च किए जा रहे है. इसके अलावे प्रभु जगन्नाथ की रथ मरम्मति पर 1. 30 लाख खर्च किया गया. मंदिर में सुबह से ही विशेष पूजा अर्चना होती रही. मंत्रोच्चारण, शंख और घंटी की ध्वनि से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. भगवान के दर्शन और अराधना के लिए श्रद्वालुओं की हुजूम उमड़ पड़ी.
प्रसाद को लेकर हुई मशक्कत
रथयात्रा के दौरान रथ पर चढे पुरोहित हर भक्तो के बीच प्रसाद वितरित करते रहे. इस दौरान प्रसाद पाने के लिए लोगो को अच्छी खासी मशक्कत करनी पडी. रथयात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जगह जगह पुलिस के जवान तैनात रहे.
यहां निकाली गई रथयात्रा
मंगलवार को खरसावां के हरिभंजा, बंदोलोहर, दलाईकेला, जोजोकुडमा, सीनी, छोटाचांकडी, पोडाकांटा, पोटोबेडा, संतारी आदि गांवों में प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई.
प्रभु जगन्नाथ की कृपा अपरंपार: मीरा मुंडा
भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा की धर्म पत्नी मीरा मुंडा ने कहा कि प्रभु जगन्नाथ की कृपा अपरंपार है. प्रभु के प्रति आस्था व विश्वास हमारी ताकत है. भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करते है कि क्षेत्र पर अपनी कृपा बनाये रखे. उन्होने कहा कि जीवन के हर मोड़ पर जीवन के हर क्षण में एक नये त्यौहार की सृष्टि करता है. भारतीय सांस्कृतिक वांगमय जीवन को उत्साह, सुख एवं हर्षोल्लास के साथ जीने की सीख देता है. पूजा अर्चना जनमानस को भी क्रियाशील, ऊर्जावान औ जीवंत बनाती है.
केन्द्रीय मंत्री द्वारा चढ़ाया गया 2 क्विंटल लडडू
खरसावां- कुचाई के विभिन्न क्षेत्रों में निकाले गये रथयात्रा में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा दो क्विंटल लडडू चढ़ाया गया. खरसावां शहरी क्षेत्र के अलावा हरिभंजा, बंदोलोहर, दलाईकेला, जोजोकुडमा, छोटाचांकडी, पोडाकांटा, पोटोबेडा, संतारी में लडडू का चढावा चढ़ाया गया.
बीडीओ- थाना प्रभारी ने देखी विधि- व्यवस्था
खरसावां बीडीओ गौतम कुमार और थाना प्रभारी पिंटु मेहथा मंगलवार को खरसावां में निकाले गये रथयात्रा के दौरान विधि- व्यवस्था देखने पहुचे. रथयात्रा के क्रम में श्रद्वालुओं को किसी तरह की परेशानी नही हो इसके लिए जवानों को कई दिशा निर्देश दिया. इस दौरान पुलिस के जवान मुश्तैद रहे.