खरसावां: जोजोकुड़मा गांव को नशामुक्त बनाने की मांग को लेकर शनिवार को बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर उतरी. साथ ही पुलिस से नशे के कारोबार पर लगाम लगाते हुए नशे के अवैध कारोबारियों पर कार्रवाई करने की मांग की.
नशा के खिलाफ सड़क पर उतरने वाली महिला समूहों ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी की. शनिवार को सुबह खरसावां के जोजोकुड़मा गांव के माहली टोला के हनुमान मंदिर में जोजोकुड़मा आजीविका महिला ग्राम संगठन, उज्जवला आजीविका समूह जोजोकुड़मा सहित कुरचीकुती, माहलीसाई, महतोसाई, घोलाटाड़ की महिलाएं एकजुट होकर शराब के खिलाफ जुलूस में शामिल हुईं.
महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए जोजोकुड़मा के माहली टोला के हनुमान मंदिर से हरिमंदिर चौक तक पहुची. इस दौरान महिलाओं ने गांव के उन पांच घरों में दस्तक दिया. जो शराब विक्रेता थे. उन्हे शराब नही बनाने और बेचने की चेतावनी दी. चेेतावनी के बाद भी शराब बेचते पाये जाने पर शराब विक्रेता के घर तोड- फोड़ करने, सामाजिक कार्रवाई करने के साथ साथ पकड़कर पुलिस के हवाले करने की चेतावनी दी. महिलाओं ने बताया कि नशे की गिरफ्त में युवा पीढ़ी आ गये है. बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं. इस कारण इस व्यवस्था को दुरुस्त करने का बीड़ा महिलाओं ने स्वयं उठाया. नशाबंदी को लेकर महिलाएं आंदोलन खुद चलायेगी. महिलाओं ने कहा कि घर- घर में शराब मिटाने के लिए महिलाए रचनात्मक भूमिका अदा कर सकती है. शराब से घर का नाश होता है. शराबी की अकाल मौत के बाद उसके परिजन जिंदा रहते हुए भी मौत की जिंदगी गुजारने को विवश होते है.
महिलाओं ने पुलिस- प्रशासन से नशा पर लगाने की मांग की है. अन्यथा महिलाओं का आंदोलन जारी रहेगा. नशा के खिलाफ सड़क पर उतरने वाली महिलाओ में उज्जवला आजीविका समूह जोजोकुड़मा के अध्यक्ष फुलकुमारी माहली, सचिव गुरूवारी माहली, पुर्णिमा महतो, बंसती गागराई, ललिता महतो, मनीषा महतो, सरस्वती महतो, मंजू माहली, सुमित्रा महतो, लक्ष्मी बेसरा, देवेन्ती माहली, कर्मी माहली, सुकूरमनी माहली, कुंन्तला महतो आदि उपस्थित थे.