खरसावां: प्रखंड के तुडियाग गांव के ग्रामीण तलाब जाने के लिए सड़क नही होने से परेशान थे. प्रतिवर्ष बारिश के समय ग्रामीणों को कीचड़मय रास्ते से होकर तलाब जाना पड़ता था. इस वर्ष भी जब अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की गुहार नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद से ही श्रमदान कर सड़क का निर्माण कर दिया.
आजादी के 76 वर्षों के बाद भी यह सड़क नहीं बनी है. खरसावां के तुडियाग गांव के ग्रामीणों श्रमादान से सड़क का निर्माण कर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को आईना दिखाया है. यह नई सडक तुडियाग मुख्य मार्ग को तलाब तक जोड़ती है. जमीनदाता मानस महतो, दिनेश महतो, चैतन्य महतो, गुरूचरण महतो ने अपनी अपनी रैयती जमीन दान कर श्रमदान किया. जबकि तुडियाग गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान कर नई सड़क बना डाली.
ग्रामीणो ने बताया कि लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विधायक व सांसद से गुहार लगाने के बाद भी जब सड़क नहीं बनाई गई. तो इसके बाद तुडियाग गांव के ग्रामीणों ने मिलकर नई कच्ची सड़क बनाई. श्रमदान कर ग्रामीणों ने मिट्टी भराई की और आवागमन बहाल कर दिया. सरकार से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से उक्त सड़क को बनाने के लिए कई बार गुहार लगाई गई. लेकिन हमारी आवाज अनसुनी ही रह गई. आखिरकार श्रमदान से सड़क निर्माण किया गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि तुडियाग मुख्य सड़क से तलाब तक जाने के लिए खेतों के बीच से होकर गुजरना पड़ता था. बारिश के दिनों में खेत के आड़ से गुजरने में कई परेशानियों का सामना करना पडता था. मजबूर होकर तुडियाग मुख्य सड़क से तलाब तक श्रमदान से सड़क को बनाया गया. इस सड़क से ग्रामीणों को तलाब जाने आने के लिए आगमन सुलभ होगा. स
ड़क निर्माण के लिए कई बार विभाग को भी आवेदन दिया, पर कोई सुनवाई नही हुई. श्रमदान करने वालों में मुख्य रूप से तुलसी महतो, मानस महतो, दिनेश महतो, चैतन्य महतो, गुरूचरण महतो सहित दर्जनों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.