खरसावां के मां बांसती मंदिर में सरायकेला- खरसावां जिला परशुराम शक्ति सेना के तत्वाधान में भगवान परशुराम जी की जंयती धूमधाम से मनायी गयी. अक्षय तृतीया के अवसर पर शनिवार को भक्तों ने परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर पूजन के साथ आरती किया.
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मौके पर परशुराम सेना के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुशील सांडगी ने कहा कि भगवान परशुराम के जीवन से अन्याय अत्याचार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री नारायण ने अपने छठे अवतार में पृथ्वी लोक में ऋषि जगदंमिनी के घर में परशुराम के रूप में अवतार लिया था. इस दौरान उन्होंने अन्याय अत्याचार के खिलाफ अस्त्र- शस्त्र उठाकर 21 बार धरती से क्षत्रियों का संहार किया था.
श्री सांडगी ने कहा कि विष्णु के छठे ‘आवेश अवतार’ भगवान परशुराम का जन्म भगवान श्रीराम के पूर्व हुआ था. श्रीराम सातवें अवतार थे. अक्षय तृतीया के दिन- रात्रि के प्रथम प्रहर में हुआ था. इनका जन्म समय सतयुग और त्रेता का संधिकाल माना जाता है. मान्यता है कि पराक्रम के प्रतीक भगवान परशुराम का जन्म 6 उच्च ग्रहों के योग में हुआ, इसलिए वह तेजस्वी, ओजस्वी और वर्चस्वी महापुरुष बने.
भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पण करने वालों में परशुराम सेना के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुशील कुमार सारंगी, अजय सारंगी, नंदू पांडे, सुजीत हाजरा, विप्लव पाणी, सरोज मिश्रा, किशोर मिश्रा, प्रवीन सारंगी, राजेश मिश्रा, भानु नंदा, गौरांग सतपति, रंजन सारंगी, हाबू सारंगी, जगन्नाथ पति, जयजीत सारंगी, असीत सारंगी, राकेश सारंगी, रघुपति आदि उपस्थित थे.
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