खरसावां: झारखंड आन्दोलनकारी मंच के मुख्य संयोजक बुधराम सोय ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि झारखंड राज्य का गठन हुए 25 वर्षो के बाद भी झारखंड के आदिवासी और मूलवासी विकास से कोसो दूर है. खनिज- सम्पदाओं से भरा यह प्रदेश है. बड़ी- बडी कंपनियों से यह प्रदेश भरा है. फिर भी झारखंड के आदिवासी और मूलवासी बेरोजगारी और गरीबी से गुजारा करने को मजबूर है.
25 वर्षो के कार्यकाल में हिन्दुस्तान के सबसे अमीर राज्य के रूप में गिना जाना चाहिए, अमीर राज्य की गिनती में आना तो दूर, सबसे भ्रष्ट्र और लूट खसोट वाले राज्य की गिनती में गिना जाने लगा है. उन्होने कहा कि राज्य का गठन होने के बाद ऐसे नेताओं के हाथों में राज्य का बागडोर चला गया, जिन नेताओं को राज्य बनाने के पीछे का उद्देश्य था, उसका ज्ञान नहीं था. भारखंड अलग राज्य की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था. उदेश्य की अज्ञानता के कारण राज्य में आदिवासियों और मूलवासियों को विनाश की ओर धकेल दिया गया. गलत नेतृत्व, गलत दिशा देने के कारण ही आदिवासियों और मूलवासियों का विकास नहीं हो पाया है. झारखंड के नेतागण छल कपट कर एमएलए- एमपी से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री तक बन गये, लेकिन झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियो को विनाश के रास्ते पर खड़ा कर दिया.