खरसावां: उत्क्रमित उच्च विद्यालय कृष्णापुर में शुक्रवार को “हॉकी के जादूगर” मेजर ध्यानचंद की जयंती मनाई गई. मौके पर आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में दीप प्रज्वलन के उपरांत शिक्षक- शिक्षिकाओं के साथ साथ सभी हाउस के कप्तानों व उप कप्तानों ने ध्यानचंद के चित्रपट पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. सभा को संबोधित करते हुए शिक्षक विश्वजीत कुमार सतपथी ने कहा कि भारतीय सेना के “ब्राह्मण रेजीमेंट” के सूबेदार मेजर तिवारी से हॉकी का ककहरा सीखने वाले ध्यानचंद ओलंपिक में लगातार तीन बार स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे. जर्मन तानाशाह हिटलर व महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन भी उनकी करिश्माई हॉकी के कायल रहे. भारतीय ओलंपिक संघ ने उन्हें ‘शताब्दी का खिलाड़ी’ घोषित किया.
प्रभारी प्रधानाध्यापक बुधराम गोप ने कहा कि उनकी जयंती के मौके पर भारत में ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाई जाती है. 1956 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया. ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सम्मान है. छात्र शत्रुघन महतो ने उन पर आधारित प्रेरक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि चांदनी रात में हॉकी का फ़न सीखने के जुनून के कारण ही ध्यान सिंह को उनके साथियों ने ध्यान चांद कहना शुरू किया जो कालांतर में बदलकर ध्यानचंद हो गया. हॉकी की करिश्माई सफलता ने उन्हें साधारण सिपाही से लेकर मेजर रैंक तक की पदोन्नति दी. यह उनकी राष्ट्रभक्ति ही थी कि हिटलर द्वारा जर्मनी की ओर से खेलने की पेशकश को उन्होंने ठुकरा दिया. छात्रा सुमित्रा महतो ने ध्यानचंद की जीवनी पर आधारित क्विज का संचालन किया.
गौरतलब हो कि नई शिक्षा नीति -2020 के प्रावधानों के तहत सत्र का पहला ‘बैगलेस डे ‘ भी आज मनाया गया. पूरा दिवस विविध खेल स्पर्धाओं को समर्पित रहा. इस अवसर पर वर्ग षष्ठ से दशम तक के छात्रों के लिए इंटर हाउस फुटबॉल प्रतियोगिता तथा छात्राओं के लिए इंटर हाउस दौड़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. फुटबॉल प्रतियोगिता में अरुण गोप की कप्तानी में स्वर्णरेखा हाउस विजेता रही. राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी महादेव मुंडा ने रेफरी की भूमिका निभाई. दौड़ प्रतियोगिता में शंख हाउस की सीमा जामुदा को विजेता तथा कोयल हाउस की सुजाता हाईबुरु को उपविजेता का खिताब मिला. विजेताओं को ट्रॉफी और मेडल देकर सम्मानित किया गया.