खरसावां: कर्बला की जंग व उसमें शहीद हुए हजरत इमाम हसन व हुसैन (रजि.) की शहादत की बरसी पर बुधवार को खरसावां में मातमी जुलूस निकला. जुलूस के दौरान चौक चैराहों पर रूक- रूककर इमाम हुसैन की शहादत बंया किया गया. साथ ही असत्य और अन्याय के खिलाफ जंग इस्लाम के लिए साहस, दृढ़ता और धैर्य का संर्देश दिया.
खरसावां में बेहरासाई मुस्लिम कमेटी द्वारा निकाली गई मुहर्रम जुलूस में युवाओं ने करबत व कला- कौशल का प्रदर्शन कर मातम मनाया. यह जुलूस बेहरासाई से निकलकर विभिन्न मार्गो से होते हुए मैदान- ए- जंग कर्बला तक पहुची. और इमामबाड़ा से शुरू हुई नियाज- फातिया कर्बला में नियाज- फातिया के साथ संपन्न हुई.
मुहर्रम जुलूस के दौरान खरसावां में ’या अली या हुसैन’ के नारो की गूंज गूंजती रही. जुलूस में शामिल युवाओं ने एक से बढकर एक करबत का प्रदर्शन किया. छोटे- छोटे बच्चियों ने भी हाथ में तलवार थाम रखे थे. जुलूस में कलाकारों ने लाठियां भांजे, तलवार बाजी, कोग्ल कराटे से जुड़े खेलों का प्रदर्शन किया.
कमेटी द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम कुमार, थाना प्रभारी पिन्टु मेहता, एसआई राज कुमार राम, जिप काली चरण बानरा, पंसस अमर सिंह हांसदा आदि को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया. खरसावां में मुहर्रम का त्यौहार राजवाड़े के शासनकाल से मनाया जा रहा है. वर्तमान में सरकारी स्तर पर मुहर्रम मनाया जाता है.
एहतराम के साथ हुई फातेहा
दसवीं पर इमामबाड़ों में अकीदतमंदों की भीड उमड़ी. महिलाओं, पुरूषों, बुजुर्गो व बच्चों ने अदब और एहतराम के साथ नियाज फातेहा किया. इस दौरान अकीदत मंदों ने रोजे रखे. माहे मुहर्रम के नवमी और दसवी पर रोजे रखने का अपना महत्व हैं. घरो में रोजेे रखने के अलावे पूरे एहतराम के साथ इबादत की गई. सेहरी के साथ शुरू हुआ रोजा मगरिब में इफतार के साथ खत्म हुआ.
*जुलूस में तैनात रहे जवान*
मुहर्रम जुलूस के दौरान खरसावां के विभिन्न चौक- चैराहो पर पुलिस के जवान तैनात रहे. जगह- जगह सुरक्षा व्यवस्थाकड़ी कर दी गई थी. बेहरासाई चौक, बेहरासाई मस्जिद, बेहरासाई हनुमान चौक, चांदनी चैक, बारह चौक, राजमहल चौक, कुम्हारसाही चौक, सहित कई चौक- चैराहो में जवान तैनात थे.
*जुलूस में उमडी भीड़*
जुलूस में खिलाडियो द्वारा दिखाये जा रहे करबत देखने के लिए सड़क के दोनों किनारे भारी संख्या में लोग मौजुद थे. महिला, पुरूष एवं बच्चों की संख्या जुलूस में अधिक देखी गई. जुलूस बेहरासाई इमामबाड़ों से निकल कर कोलसाही, कदमडीहा, चांदनी चौक, बजारसाही, राजमहल चौक, कुम्हारसाही होते हुए टुनिया बाडी स्थित कर्बला पहुची.