खरसावां: मोहर्रम कोई त्योहार नही है बल्कि मुस्लिम समुदाय के लिए यह एक मामत का दिन है, जिसे इमाम हुसैन के शोक में मनाते है. इस माह को इस्लाम के चार पवित्र महीनों में शुमार किया जाता है. अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद ने इस माह को अल्लाह का महीना कहा है. साथ ही इस माह में रोजा रखने की खास अहमियत बयान की है. पाक माह- ए- मोहर्रम की नौंवी तारीख के मुताबिेक अंग्रेजी कैलेंडर के 16 जुलाई मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद में खरसावां के बेहरासाई स्थित इमामबाड़ा में नियाज फातेहा की रस्म अदा की. इस मौके पर ढेग चढ़ाई गई. साथ ही इमामबाड़ों में चादरपोशी व परचम कुशाई की रस्म भी अदा की गई.
मंगलवार को शाम ढलते ही इमामबाड़ों में नियाज फातेहा का दौर शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहेगा. नियाज फातेहा में महिलाओं की संख्या अधिक देखी गई. मुसलमानों ने रोजा रखकर कुरआन ने पाक की तिलावत व इबादत की. वहीं आखडों में युवकों ने हैरतअंगेज खेलो का प्रदर्शन किया.
हुसैन ने कुर्बानी देकर इस्लाम को जिंदा रखा-रजवी
खरसावां के बेहरासाई मौलाना मो आसिफ इकबाल रजवी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने जिस तरह कुर्बानी देकर इस्लाम को जिंदा किया, उसे हमेशा अपने दिलों में रख उन जैसा जज्बा अपनी जिंदगी में उतारने का अहद करें. हजरत इमाम हुसैन अपनी छोटी सी फौज लेकर नाइंसाफी के खिलाफ खड़े होकर जो पैगाम हम सब को दिया, उस पर अमल करना हर मुसलमानों का फर्ज हैं.
विभिन्न समुदाय के लोगो ने की चादरपोशी
आस्था और विश्वास के प्रतीक खरसावां के बेहरासाई के हजरत इमाम हुसैन इमामबाड़ा में विभिन्न समुदाय के लोगों ने भी अपनी मनोकामना पूरा होने पर नियाज फातेहा करवाया और चादर भी चढ़वाया.
मुहर्रम का जुलूस 18 जुलाई को
खरसावां के बेहरासाई मुस्लिम कमेटि द्वारा मुहर्रम की दसवीं पर निकलने वाली मुहर्रम का जुलूस आगामी 18 जुलाई गुरूवार को निकाला जाएगा इसे लेकर बेहरासाई मुस्लिम बहुल मुहल्ला में देर रात तक तैयारी चलती रही. मुहर्रम को लेकर इमामबाड़ों को सजाया गया है. दसवीं पर अकीदतमंद यहा फातिया करेगें. साथ ही शिरनी आदि का वितरण किया जाएगा.